जिलाधिकारी ने अक्षय तृतीया की दी शुभकामनाएं, कहा बाल विवाह का विरोध होना चाहिए

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अक्षय तृतीय पर आज ही हुआ था भगवान परशुराम का अवतार
– बाल विवाह एक कुप्रथा है और इसका हर जगह से विरोध होना चाहिए- जिलाधिकारी

बलियाा. वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया का सनातन धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है. इस दिन अर्जित पुण्य अथवा सत्कर्म कभी नष्ट नहीं होता. इस दिन किया हुआ दान अक्षय होता है और इसके परिणाम सदैव सुफल होते हैं. भारतीय धर्मशास्त्र की मानें तो आज किसी कार्य के शुभारंभ के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती अर्थात पूरे दिन शुभमुहूर्त होता है, चाहे गृह प्रवेश करना हो, मुंडन कराना हो, यज्ञोपवीत कराना हो अथवा वैवाहिक कार्यक्रम. खेती प्रारंभ करने का भी आज शुभ मुहूर्त होता है. बहुत से किसान आज से खरीफ फसल की बुवाई की तैयारी शुरू करते हैं. धार्मिक महत्व के साथ ही इस तिथि का ऐतिहासिक महत्व भी है. अनंत कोटि ब्रह्मांड नायक विप्रकुल शिरोमणि सहस्त्रबाहु विनाशक नारायण अवतार भगवान परशुराम का प्राकट्य दिवस भी है. मां अन्नपूर्णा का जन्म आज ही के दिन हुआ था. द्रोपदी को चीरहरण से श्री कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था. श्री कृष्ण सुदामा का मिलन भी आज ही के दिन हुआ था. कुबेर को आज ही के दिन अक्षय खजाना प्राप्त हुआ था. सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ भी आज ही के दिन हुआ था. ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण दिवस भी आज ही है. प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बद्रीनारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है. वृंदावन बिहारी लाल के मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्रीविग्रह चरण के दर्शन होते हैं अन्यथा साल भर वे वस्त्र से ढके रहते हैं. इसके साथ ही इसी दिन एक कुप्रथा ने भी स्थान लिया वह है बाल विवाह. इसको लेकर बलिया के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने कहा है कि बाल विवाह एक कुप्रथा है और इसका हर जगह से विरोध होना चाहिए. जनपद में कहीं भी इस कुरीति को बल प्रदान करने वाले के साथ प्रशासन सख्ती से निपटेगा. जिलाधिकारी ने बाल विवाह को लेकर और क्या कह रहे हैं सुनिए बलिया लाइव के एक इंटरव्यू में.

(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)