जब हम मिट्टी बना नहीं सकते हैं तो जला क्यों रहे हैं, किसी भी तरह खेतों में आग ना लगाएं- कृषि रक्षा अधिकारी

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

बैरिया, बलिया. अंबेडकर जूनियर हाई स्कूल मधुबनी के प्रांगण में जिला कृषि विभाग के सौजन्य से विकासखंड स्तरीय रबी फसल कि संपूर्ण कटाई अनाज रखरखाव व जायद फसल की तैयारी के दृष्टिगत एक कृषि गोष्ठी का आयोजन किया गया. शिविर में विभिन्न प्रकार के बीज, उर्वरक आदि के स्टॉल भी लगाए गए. जहां से विभिन्न बीजों और उर्वरकों के बारे में किसानों को जानकारी दी गई. प्रधान प्रतिनिधि अरुण यादव एवं सहायक खंड विकास अधिकारी कृषि सुशील यादव द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुई.

गोष्ठी में मुख्य अतिथि जिला कृषि रक्षा अधिकारी श्रीमती प्रियंवदा ने मिट्टी की रक्षा के विषय में बताया कि अभी रवि की खेती की कटाई हो रही है. कुछ किसान कटाई के बाद खेतों में गेहूं के डंठल जला देते हैं. जिसमें जमीन भी जल जाती है. उस की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है. आप लोगों को यह पता होना चाहिए कि विज्ञान इतना आगे बढ़ गया है बावजूद इसके किसी भी प्रयोगशाला में 100 ग्राम मिट्टी बनाई नहीं जा सकते. क्योंकि मिट्टी तो प्राकृतिक है. मिट्टी में अनेकों तत्व शामिल होते हैं. कहने का अभिप्राय है की जब हम मिट्टी बना नहीं सकते हैं तो जला क्यों रहे हैं. इस बात पर विशेष ध्यान रखें की किसी भी तरह से हम खेतों में आग ना लगाएं. जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने रवि खरीफ और जायद तीनों फसलों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि मक्का एक ऐसा उत्पाद है जो रवि खरीद और जायद तीनों के साथ किया जाता है और इसकी उपयोगिता भी हमारे भारत में बहुत अधिक है. इसलिए इन तीनों फसलों के उत्पादन के साथ ही बीच में जायद की भी खेती करें. सरकार का यह प्रयास है कि खेती से किसानों की आमदनी बढ़ें.

इस अवसर पर कृषि विभाग के सुशील यादव, शशांक कुमार, अखिलेश सिंह, श्री भगवान आदि ने जायद की फसल व सब्जियों की खेती बुवाई करके अधिक आमदनी प्राप्त करने के लिए किसानों को विभिन्न जानकारी देते हुए प्रोत्साहित किया. साथ ही किसानों के लिए सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं के प्रति भी लोगों को जागरूक किया.

(बैरिया संवाददाता वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)