होली पर डाक्टर आशुतोष गुप्ता के खास टिप्स, रखें इन बातों का ध्यान

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सिकंदरपुर, बलिया. होली एक ऐसा त्योहार हैं जिसे देश के विभिन्न भागों में भिन्न-भिन्न तरीकों से मनाया जाता हैं. इसमें मुख्यतया रंगों और पानी का इस्तेमाल ज्यादा होता हैं. सभी एक-दूसरे के ऊपर तरह-तरह के रंग और पानी उड़ेलते हुए ही नज़र आते हैं. चूंकि पहले के समय में केवल प्राकृतिक रंगों से ही खेलने की परंपरा थी जिन्हें ज्यादातर सभी लोग अपने घरों में ही बनाते थे. ये रंग शरीर के लिए भी लाभदायक होते थे लेकिन आजकर बाजार में तरह-तरह के रंग आ गए हैं.

 

बाजार में जो प्राकृतिक रंगों के नाम से भी बिक रहे हैं वे भी पूरी तरह से प्राकृतिक हो, यह निश्चित नही. इसके लिए आपको पहले से ही कुछ आवश्यक बातों को ध्यान में रखकर होली का पर्व खेलना चाहिए ताकि बाद में किसी गंभीर समस्या का सामना ना करने पड़े. आइए जानते है, सिकंदरपुर के मशहूर चिकित्सक डॉ आशुतोष गुप्ता (असिस्टेंट प्रोफेसर शांति आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज बलिया) से होली पर कुछ खास टिप्स. गहरे रंगों को खरीदने से बचे और दूसरों को भी ऐसा ही करने को कहे. जैसे कि गहरा हरा, काला, नीला रंग इत्यादि. दरअसल इन रंगों को गहरा करने के लिए इनमें रसायन की मात्रा ज्यादा मिलायी जाती हैं जो यदि आपकी आंखों इत्यादि में चली जाए तो गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. दो रंगों का इस्तेमाल मुख्य रूप से ना करे, एक तो सिल्वर चमकीला रंग और दूसरा गहरा हरा रंग. सिल्वर चमकीले रंग में एल्युमीनियम ब्रोमाइड पाया जाता हैं जो त्वचा संबंधी कैंसर के लिए उत्तरदायी होता हैं जबकि गहरे हरे रंग में कॉपर सल्फेट पाया जाता हैं जो आंखों में अंधापन पैदा कर सकता हैं. स्प्रे, चमकीले रंग, ग्रीस इत्यादि जैसी चीज़ों का इस्तेमाल बिल्कुल ना करे। यह ना केवल सामने वाले व्यक्ति को शारीरिक रूप से हानि पहुंचाएगी बल्कि आपके हाथ भी ख़राब हो जाएंगे.

होली खेलते समय यदि आंखों में जलन, सूजन, खून निकलना, शरीर के किसी भाग में चोट लगना, कम सुनाई देना इत्यादि कुछ भी परेशानी हो तो बिना देरी किये डॉक्टर को अवश्य दिखाए.

इस दौरान उन्होंने सलाह दिया कि,नेचुरल रंगों का इस्तेमाल करें. परमानेंट रंगों से दूर रहें क्योंकि इनमें डाई होती है, जो बहुत नुकसानदेह होता है।रंगों के अत्यधिक प्रभाव से बाल रूखे और बेजान हो सकते हैं, इसलिए होली बहुत सावधानी से खेले. गोल्डन और सिल्वर रंगों का इस्तेमाल भूलकर भी ना करे, इससे त्वचा पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.

(सिकंदरपुर संवाददाता संतोष शर्मा की रिपोर्ट)