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यूपी विधानसभा चुनाव में सियासी जोड़-तोड़ के खेल में बीजेपी के एक और विधायक मुकेश वर्मा का नाम जुड़ गया है. पार्टी से इस्तीफा देते हुए विधायक मुकेश वर्मा ने कहा है कि मेरे नेता स्वामी प्रसाद मौर्या हैं. पार्टी में दलितों अल्पसंख्यकों को तवज्जों नहीं मिली, इसलिए वे इस्तीफा दे रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजी गई एक चिट्ठी में फिरोजाबाद की शिकोहाबाद सीट से इस्तीफा देने वाले बीजेपी विधायक मुकेश वर्मा ने लिखा – पार्टी में दलितों अल्पसंख्यकों को तवज्जों नहीं मिली, इसलिए वे इस्तीफा दे रहे हैं.
राजनीतिक जोड़-तोड़ में बीजेपी भी पीछे नहीं
राजनीतिक पार्टियों के बीच विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के पार्टियों से अलग करने में बीजेपी भी पीछे नहीं है. बीजेपी ने बीते तीन महीने में सपा, बसपा और कांग्रेस के 11 एमएलसी और विधायकों को बीजेेेपी में शामिल कराया है.
बीजेपी ने सपा के विधान परिषद सदस्य नरेंद्र सिंह भाटी, शतरुद्र प्रकाश, सुभाष पासी, रमा निरंजन, रविशंकर सिंह पप्पू और सीपी चंद्र को बीजेपी में शामिल कराया है. बुधवार को फिरोजाबाद से सिरसागंज से सपा विधायक हरिओम यादव बीजेपी में शामिल हुए. बसपा विधायक वंदना सिंह भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है. कांग्रेस के सात विधायकों में से रायबरेली से अदिति सिंह, हरचंदपुर रायबरेली से राकेश प्रताप सिंह और बेहट सहारनपुर से नरेश सैनी बीजेपी में शामिल हुए हैं.
वहीं, बीजेपी को छोड़ सपा में शामिल होने वाले विधायकों में सीतापुर सदर से राकेश राठौर, खलिलाबाद संतकबीर नगर से जय चौबे, नानपारा बहराइच से माधुरी वर्मा और बुलंदशहर से केके शर्मा हैं. पडरौना कुशीनगर से विधायक एवं प्रदेश सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, मऊ के मधुबन से विधायक एवं मंत्री दारा सिंह चौहान, बांदा के तिंदवारी से बीजेपी विधायक ब्रजेश प्रजापति, कानपुर देहात के बिल्लौर से भगवती प्रसाद सागर, शाहजहांपुर की तिलहर से रोशन लाल वर्मा, मऊ की मधुबन से दारा सिंह चौहान, औरेया की बिधूना से विनय शाक्य बीजेपी छोड़ दी है. मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से बीजेपी विधायक अवतार सिंह भडाना भी बीजेपी छोड़कर रालोद में शामिल हो गए हैैं.