योगी सरकार में ठगा महसूस कर रहे शिक्षा प्रेरक और शिक्षामित्र

news update ballia live headlines
This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

बैरिया, बलिया. विधान सभा चुनाव सिर पर है. सभी राजनैतिक दलो ने अपने दलो को मजबूत करने व येन केन प्रकारेण कुर्सी हथियाने के लिए हर तरह का प्रयास करने मे लगे है. जाति,धर्म,मन्दिर ,मस्जिद, विकास का झूठा सब्जबाग दिखाकर आम जन को ठगने में लगे है. झूठे रोजगार के दावे ने बेरोजगारी का मेला लगा दिया है लेकिन असल मुद्दे पर पक्ष विपक्ष सब मौन ही है.

एक तरफ डबल इंजन की सरकार ने सबसे अच्छा कार्य करने का दावा कर रही है. सारी समस्या समाप्त होगी. देश व प्रदेश आगे बढ़ेगा और आगे बढ़ रहा है, के बीच लोक शिक्षा प्रेरक, वर्षों से प्राथमिक विद्यालय का ताला खोलने वाले शिक्षा मित्र अपने को ठगा महसूस कर रहे है. सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू करते समय लोक शिक्षा प्रेरको को सब्जबाग दिया था कि प्रेरक नई उर्जा के साथ कार्य करेगें. लेकिन ऐसा हुआ नहीं, जबकि प्रेरको का पिछले चालीस महीने का बकाया मानदेय अभी भी सरकार के पास पड़ा हुआ है. इसके लिए प्रेरको ने आन्दोलन किया और बहुत ज्ञापन भी दिया, नतीजा शिफर रहा.

 

वहीं पिछले लोक सभा चुनाव के दौरान वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के ही सरकार में पैदा हुए शिक्षा मित्रों को आश्वस्त किया था कि शिक्षा मित्रो की जिम्मेदारी मेरी. तीन माह के भीतर उनकी समस्या खत्म कर दी जायेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.  परिणाम स्वरूप हजारों शिक्षा मित्र अवसादग्रस्त होकर काल के गाल मे समा गये.

 

प्रेरक और शिक्षा मित्र राजनीति के शिकार हो गये. प्रेरक और शिक्षा मित्रों का दोष क्या है? यह कोई नही बता पायेगा. लेकिन शायद समय इस प्रश्न का हल जरूर ढूंढेगा. ऐसी परिस्थिति मे पुनः शिक्षा मित्रों और प्रेरको पर राजनीतिक हथकण्डा चलाने के लिए सारे दल तैयार है. इस सन्दर्भ में शिक्षा मित्र सगंठन के बलिया के जिलाध्यक्ष पकंज सिंह ने बताया कि शिक्षा मित्रों ने अपना जीवन ही शिक्षा विभाग को समर्पित कर दिया है. ऐसे में उनसे विश्वासघात करने वालों का भला होने वाला नहीं है. एक- एक शिक्षामित्र के मौत का जबाब समय मांगेगा.

 

(बैरिया से शशि सिंह की रिपोर्ट)