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मनियर, बलिया. एक अदृश्य शक्ति जिसे हम विधाता के नाम से पुकारते हैं। कभी-कभी उनके फैसले ही हमें नागवार लगते हैं लेकिन इस धरती पर रहने वाला हर प्राणी उसके फैसले मानने के लिए मजबूर है।
लकवा ग्रस्त अपाहिज मां के लाठी का सहारा, मासूम बच्चों के सिर से पिता का छाया, जवान बहनें जिस भाई के कलाई पर राखी बांधती थी वह कलाई हमेशा हमेशा के लिए विधाता ने छीन लिया। पत्नी जो अपने मासूम बच्चों को देख रही हो जिसका पति सात जन्म तक साथ निभाने का वादा करके इस दुनिया से अकेले अलविदा हो रहा हो। उस पत्नी पर क्या बितता होगा? आखिर उस विधाता के फैसले को हम क्या कहेंगे ?
ऐसी ही एक घटना देखने को उस समय मिली जब जवान कुवांरी बहनों की हाथ पीला करने के लिए व बहन की डोली सजाने की अरमान लेकर परदेस कमाने गया भाई का शव जब घर पहुंचा तो उस अपाहिज मां ,उन मासूम बच्चों एवं जवान बहनों तथा पत्नी के ऊपर तो मानो वज्रपात ही पड़ गया। उनकी स्थिति कैसी होगी इसका अंदाजा हम सहज ही लगा सकते हैं। मां अपने पुत्र की मौत की खबर पाकर बेबस लाचार चारपाई पर पड़ी हुई है। बहनें माथा पीट रही है और बच्चों को तो मानो सांप सूंघ गया हो। पत्नी चीख चिल्ला रही है।
पंजाब के लुधियाना शहर में रोजी-रोटी की तलाश में गया युवक की हृदय घात से मौत हो गई। युवक का शव घर आते ही कोहराम मच गया। मनियर थाना क्षेत्र के गंगापुर निवासी कन्हैया पटेल 35 वर्ष पुत्र स्वर्गीय जवाहिर पटेल 5 माह पूर्व लुधियाना शहर में रोजी-रोटी की तलाश में गया था। वहां वह किसी दवा कंपनी में प्राइवेट कार्य कर रहा था।
बताया जा रहा है कि शनिवार की सुबह करीब 7:श बजे ड्यूटी जाने की तैयारी कर रहा था कि इसी बीच उसको दिल का दौरा पड़ा और गिरकर छटपटाने लगा तथा अचेत हो गया। उसके रिश्तेदार उसे उठाकर हॉस्पिटल ले गए जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
रविवार के दिन करीब 10 बजे उसका शव मनियर गंगापुर पैतृक आवास पर पहुंचा ।शव देखते ही उसकी पत्नी बबिता दहाड़ मार कर रोने लगी। मां बालकेशी जो लकवा से ग्रसित है बेशुध पड़ी हुई है। मृतक की एक पुत्री खुशी 14 वर्ष व एक पुत्र अंकुश 6 वर्ष का है। पुत्री को तो मानो काठ मार दिया है। मृतक की सात बहनें मुन्नी, चुन्नी, गायत्री, रीता, चिंता, पिंकी, सोना है जिनमें 5 की शादी हो गई है। पिंकी एवं सोना की शादी अभी नहीं हुई है। पूरे परिवार की जिम्मेदारी कन्हैया पर ही थी। एक ममेरा भाई नंद जी पटेल रहकर पूरे परिवार की देखरेख करता है। कन्हैया की मौत से यह परिवार उजड़ गया।
(मनियर से वीरेंद्र सिंह की विशेष रिपोर्ट)