26 नए बीएड महाविद्यालय संबद्धता मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन के तेवर सख्त

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26 नए बीएड महाविद्यालय संबद्धता के मामले में संदिग्ध

सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति बनीं
जौनपुर, बलिया. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध बीएड महाविद्यालय की संबद्धता के संबंध में दिए गए प्रस्ताव में लगातार विसंगतियां मिलने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है. ऐसे महाविद्यालयों के खिलाफ विसंगतियां मिली तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

 

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने इस संबंध में सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति की रिपोर्ट को कार्य परिषद से पास करा कर जो भी निर्णय होगा लिया जाजगा.

 

इस संबंध में कुलसचिव महेंद्र कुमार ने जारी आदेश में कहा है कि 26 नए बीएड महाविद्यालय ने अस्थाई संबद्धता के लिए शपथ पत्र के साथ प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. महाविद्यालय के प्रबंधकों द्वारा यह भी शपथ पत्र दिया गया था कि एनसीटीई के सत्यापन में अगर उन्हें गलत पाया गया तो उनका प्रस्ताव निरस्त किया जा सकता है. परीक्षण के बाद 20 महाविद्यालयों में विसंगतियां और संदिग्धता पाई गई है जो संदेह के घेरे में हैं.

 

इस कारण ऐसे महाविद्यालयों को संबद्धता देने के मामलों में विश्वविद्यालय का निर्णय लेना संभव नहीं है. इस कारण कुलपति के निर्देश पर तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है. इस तरह की विसंगतियां अन्य बीएड महाविद्यालय में भी हो सकती है उनके खिलाफ भी प्रस्ताव निरस्त करने की कार्यवाही की जा सकती है.

(डॉ सुनील कुमार की रिपोर्ट)