यूपी में समाजवादी पार्टी और ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का गठबंधन

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को अब करीब 4 महीने ही बचे हैं और सियासी हलकों में उठापटक का दौर तेज हो गया है. पिछले काफी दिनों से चर्चाएं थीं कि भाजपा अपने पुराने सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को मनाने की कोशिशों में है लेकिन इन्हें विराम देते हुए राजभर ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया है.

लखनऊ में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर की मुलाकात हुई. इस मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने इसे एक शिष्टाचार मुलाकात बताया लेकिन समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया एकाउंट से दोनों पार्टियों के गठबंधन का ऐलान कर दिया गया.

समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया, ‘वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों, हर कमजोर वर्ग की लड़ाई समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर लड़ेंगे. सपा और सुभासपा आए साथ, यूपी में भाजपा साफ!’

 

पिछली बार 2017 के विधानसभा चुनाव ओमप्रकाश राजभर बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़े थे. राजभर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया और वह इस गठबंधन से अलग हो गए थे. इस बार वह समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चले गए हैं. भाजपा ने सुभासपा को 8 सीटें चुनाव लड़ने के लिए दी थीं जिसमें से सुभासपा ने 4 सीटें जीतीं. देखना होगा कि सपा से उन्हें कितनी सीटें मिलती हैं. संभावना तो यही है कि राजभर सपा के साथ भी भाजपा वाली डील से कम पर नहीं मानेंगे.

 

पिछले विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस गठबंधन में थे लेकिन करारी हार के बाद कांग्रेस से अखिलेश का गठबंधन टूट गया था. अखिलेश ने बाद में कहा था कि कांग्रेस के साथ गठबंधन का उनका अनुभव अच्छा नहीं रहा. उन्होंने कहा था कि इस बार वह किसी भी बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे.

वैसे ओम प्रकाश राजभर के बारे में बताते उन्होंने जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा के साथ मिल कर भागीदार संकल्प मोर्चा का गठन किया हुआ है जिसमें करीब एक दर्जन छोटी पार्टियां हैं. देखना होगा कि यह पार्टियां भी सपा गठबंधन का हिस्सा बनती हैं या फिर सिर्फ ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा का ही गठबंधन रहता है.