राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विषयक दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

सिकंदरपुर, बलिया. श्री स्वामी नाथ सिंह सुरेंद्र महाविद्यालय धर्मपुर महथापार काजीपुर बलिया के सभागार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषयक दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉo पीoकेo तिवारी के द्वारा किया गया.

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुआ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदित्य प्रताप सिंह ‘सोनू’ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए बताया यह शिक्षा नीति तीन विषय वाले सभी तीन वर्षीय पाठ्यक्रम सी बी सी एस आधारित नवीन पाठ्यक्रम शैक्षिक सत्र 2021-2022 से लागू होगा.

साथ ही चार वर्षीय स्नातक शोध सहीत नवीन पाठ्यक्रम शैक्षिक सत्र 2022-2023 से लागू होगा. विषयों के चयन में बहु विशेषता के लिए संकायों मे विषयों के वर्गीकरण एवं विषय के कोडिंग की व्यवस्था शासन द्वारा की गई है. भाषा संकाय एवं ग्रामीण अध्ययन संकाय को बहुबिषयकता के लिए अलग संकाय माना जाएगा, लेकिन उन्हें डिग्री कला संकाय की दी जाएगी.

छात्र को विषय चयन करते समय दो मुख्य मेजर विषय का चुनाव करना होगा, जो विद्यार्थी का अपना संकाय कहलायेगा, जिसका अध्ययन वह छठे सेमेस्टर तक कर सकता है. तीसरे मुख्य विषय का चुनाव वह अपने संकाय या अन्य संकाय से कर सकता है, लेकिन माइनर इलेक्ट्रिक पेपर का चुनाव करते समय छात्र को यह ध्यान देना होगा कि तीसरा मुख्य विषय या चौथा माइनर इलेक्ट्रिक पेपर दोनों में से कोई एक किसी अन्य संकाय से हो.

छात्र को प्रत्येक सेमेस्टर में एक सह विषय कोर्स करना होगा तथा प्रथम 4 सेमेस्टरो में 3 क्रेडिट का कौशल विकास कोर्स करना अनिवार्य होगा. छात्र को शासन द्वारा निर्धारित प्रत्येक वर्ष का क्रेडिट अर्जित करना होगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्रों का मूल्यांकन सतत् एवं व्यापक करने के लिए शैक्षिक मूल्यांकन, कौशल मूल्यांकन , शारीरिक मूल्यांकन, बहिर्मुखी मूल्यांकन, स्व मूल्यांकन के द्वारा छात्रों का मूल्यांकन होगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन से जहां छात्रों में कौशल तथा व्यक्तित्व का विकास होगा. छात्रों में स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. इससे पहले नई शिक्षा नीति 1986 के अनुसार हमारी शिक्षा व्यवस्था चल रही थी जो आज के परिवेश में इसमें बदलाव नितांत आवश्यक था कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ राजकुमार , डॉ मृत्युंजय राय, नजरें आलम, चित्रलेखा तिवारी,कामेश्वर प्रसाद, अश्वनी सिंह, विजेंद्र श्रीवास्तव आदि लोग मौजूद रहे कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ पी के तिवारी एवं कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी सुनील कुमार के द्वारा किया गया.

(सिकंदरपुर से संतोष शर्मा की रिपोर्ट)