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बैरिया,बलिया. बाढ़ में अपना सबकुछ गंवा कर बेघर हुए बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हर कोई आगे आ रहा है, शासन-प्रशासन की तरफ से तमाम इंतजाम किए गए हैं लेकिन कर्मचारी मनमानी से बाज नहीं आ रहे। उनकी हरकतें ना सिर्फ सरकार और जनप्रतिनिधियों की छवि खराब कर रही है बल्कि इससे बाढ़ पीड़ितों का दुख और बी बढ़ जा रहा है.
बैरिया में त्रिपाल के लिए तहसील पहुची दर्जनों बाढ़ पीड़ित महिलाओं को त्रिपाल बांट रहे राजस्व कर्मियों ने यह कहकर वापस कर दिया कि ‘जाओ पहले विधायकजी के दरवाजे से कूपन लाओ,तभी त्रिपाल मिलेगा’. महिलाओं ने कहा कि हम लोगों ने विधायकजी का घर नही देखा है, कहां से कूपन लाएं, आधार कार्ड लेकर आये है. इस पर राजस्व कर्मियों ने जवाब दिया कि आधार कार्ड से नहीं मिलेगा, विधायकजी का कूपन अनिवार्य है.
त्रिपाल के लिए महिलाएं रोने-गिड़गिड़ाने लगीं, हाथ जोड़कर अनुनय-विनय करने लगी कि त्रिपाल हम लोगों को दे दीजिए, हम लोगों के घर बाढ़ में डूबे हुए है, किंतु राजस्व कर्मियों ने उनकी एक न सुनी.
बकुलहा नई बस्ती निवासिनी बाढ़ पीड़ित कमला देवी, शिवरतिया देवी, पंकज देवी, गीता देवी, रतिया देवी, सरिता देवी, चन्देश्वरी देवी आदि ने बताया कि उनके गांव में करीब 400 से अधिक परिवार सरयू नदी की बाढ़ से तबाह हुए हैं, इनमे से अबतक 25 बाढ़ पीड़ितों को ही त्रिपाल मिला है.
महिलाओं का कहना था कि जब उन्हें पता चला कि तहसील में त्रिपाल वितरण हो रहा है तो वह बड़ी उम्मीद के साथ आधार कार्ड लेकर तहसील आ गए लेकिन तहसील के कर्मचारी बता रहे है कि हम उसी को त्रिपाल दे रहे है जिसके पास विधायकजी का मुहर लगा कूपन मौजूद है. ऐसे में हम लोग विधायकजी के घर देखे भी नहीं है, अब कैसे हमें त्रिपाल मिलेगा.
बाद में तहसील में मौजूद एक पत्रकार को पूरी व्यथा बाढ़-पीड़ित महिलाओं ने सुनाई तो बताया पत्रकार ने एसडीएम अभय कुमार सिंह से फोन करके इस संदर्भ में जानकारी चाही किन्तु उन्होंने फोन नही उठाया. एडीएम राम आसरे से फोन करके सम्पर्क करने का प्रयास किया गया किन्तु उन्होंने भी फोन नही उठाया. बाद में नायब तहसीलदार रजत कुमार सिंह से मोबाइल से सम्पर्क हुआ तो उन्होंने बताया कि विधायकजी के कूपन की कोई बात ही नहीं है.
नायब तहसीलदार ने कहा कि इतनी दूर बकुलहा नई बस्ती से 15 किमी. चलकर महिलाएं आयी है तो निश्चित रूप से यह जरूरतमंद हैं, इन्हें त्रिपाल दिया जाएगा. नायब तहसीलदार ने हस्तक्षेप कर बकुलहा नई बस्ती की महिलाओं को त्रिपाल उपलब्ध करा दिया.
(बैरिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)