बलिया बलिदान दिवस पर डीएम, एसपी ने शहीदों को नमन किया, दुबहर में प्रथम शहीद को श्रद्धांजलि दी गई

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भारत की आजादी के इतिहास में सतारा, मेदिनीपुर और बलिया का स्वतंत्रता संग्राम स्वर्णिम अक्षरों से लिखा गया है . भारत के इन तीन जिलो ने 1942 में ही अंग्रेजों से आजादी हासिल कर ली थी . इसी कड़ी में बागी बलिया के लोग आज भी अपने वीर सपूतों सेनानियों के इस महान कीर्ति को अक्षुण बनाये रखने के लिए वीर शहीदों को श्रद्धा के दो फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं.

 


19 अगस्त बलिया बलिदान दिवस के मौके पर जहां जिला मुख्यालय पर जेल से लेकर तमाम सेनानियों के प्रतिमा तक जुलूस निकालकर श्रद्धांजलि अर्पित करने का क्रम होता है . वही जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पैतृक गांव में उनके स्मारक, शिला स्तंभ और प्रतिमा पर संपूर्ण जनपद वासी उन्हें श्रद्धा के दो फूल चढ़ाकर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं .
बलिया बलिदान दिवस पर आज डीएम अदिति सिंह और एसपी राजकरण नय्यर ने उन्होंने परंपरागत तरीके से महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया और शहीदों को नमन किया. उन्होंने सेनानियों का अभिनंदन भी किया.


इसी क्रम में गुरुवार के दिन अट्ठारह सौ सत्तावन के महान क्रांतिकारी वीर योद्धा शहीद मंगल पांडे के पैतृक गांव नगवा में 19 अगस्त बलिया बलिदान दिवस के मौके पर मंगल पांडे विचार मंच के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने उनके पैतृक गांव नगवां में स्मारक पार्क में जाकर उनकी प्रतिमा के समक्ष श्रद्धांजलि अर्पित कर पुष्प चढ़ाए.


इस मौके पर मंगल पांडे विचार मंच के अध्यक्ष कृष्ण कांत पाठक ने कहा कि बलिया के गौरवशाली क्रांतिकारी इतिहास को सहेजने के लिए वर्तमान की सरकारों के साथ जिले के पंचायत से लेकर के लोकसभा तक के जनप्रतिनिधियों को प्रयास करना चाहिए, ताकि बलिया के इस गौरवशाली क्रांतिकारी इतिहास की प्रेरणा संपूर्ण राष्ट्र के साथ ही आने वाली पीढ़ी को मिलती रहे . इस मौके पर मुख्य रूप से अरुण कुमार साहू ,विवेक सिंह ,रमाशंकर तिवारी ,गणेश जी सिंह डॉ हरेंद्र नाथ यादव विनोद पासवान, अरुणेश पाठक, भुनेश्वर पासवान रविंद्रपाल मुखिया, अनिल कुमार, नितेश पाठक ,गोविंद पाठक बब्बन विद्यार्थी आदि लोग रहे.