बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सदर और बैरिया तहसील क्षेत्र के 86 गांवों में बनीं निगरानी समितियां

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बलिया. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य के लिए सभी सम्बन्धित विभागों की टीमें यथासंभव मदद में लगी हुई है. बैरिया तहसील क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों में बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचाने की कोशिश जा रही है.
प्रशासन का कहना है कि पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा की व्यवस्था है और प्रतिदिन भूसा का वितरण भी पशुपालकों के बीच किया जा रहा है.
मंगलवार को बैरिया तहसील क्षेत्र के गोपालपुर व दयाछपरा गांव में 1200 फूड पैकेट और 540 तिरपाल का वितरण बाढ़ पीड़ितों के बीच किया गया. खाद्यान्न वितरण भी दोनों गांवों में किया गया.

34 कुंतल भूसा का वितरण, 180 पशुओं का हुआ इलाज

पशुपालन विभाग की ओर से बैरिया तहसील में 12 बाढ़ चौकी व सदर तहसील में 20 बाढ़ चौकी क्रियाशील कर दी गयी है. वहां पहले से कार्यरत 6 पशु चिकित्साधिकारी, 15 पशुधन प्रसार अधिकारी के अलावा 7 पशु चिकित्साधिकारी व 4 पशुधन प्रसार अधिकारी की अतिरिक्त तैनाती कर दी गयी है.
पशुओं को सुरक्षित स्थान पर लगातार पहुंचाया जा रहा है. मंगलवार को कुल दस शिविर में 34 कुंतल भूसा वितरित किया गया तथा 180 पशुओं का इलाज हुआ. अब तक किसी प्रकार की पशु हानि नहीं हुई है.

750 औषधि किट तैयार, 106 किट का वितरण

स्वास्थ्य विभाग की ओर से बाढ प्रभावित क्षेत्रों में 76 बाढ़ चौकी बनाई गई है, जिसमें आठ क्रियाशील है. हर चौकी पर डॉक्टर, फार्मासिस्ट व अन्य स्टाफ तैनात हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की गर्भवती एवं कोमार्विड व्यक्तियों को चिन्हित कर सूची तैयार की जा रही है और उनका उपचार किया जा रहा है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए 750 औषधि किट (एन्टी बॉयोटिक, ओआरएस, जिंक, बुखार एवं खुजली के लिये ट्यूब) तैयार की गयी है, जिसमें 106 किट वितरित की गयी है. बाढ़ प्रभावित प्रत्येक ब्लाक में एक-एक 108 एम्बुलेन्स अगल से लगायी गयी है. बाढ़ ग्रस्त सभी चिकित्सा इकाईयों पर एंटी स्नैक वेनम एवं जीवनरक्षक औषधियाँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.

बाढ़ निगरानी समिति कराएगी प्रभावित परिवारों की समस्या का समाधान

बाढ़ प्रभावित कई गांवों में पानी घुस जाने के बाद राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं। पंचायती राज विभाग के माध्यम से हर गांव में बाढ़ निगरानी समिति का गठन किया गया है. फिलहाल बैरिया व सदर तहसील क्षेत्र के 86 गांवों में गठित यह समिति बाढ़ प्रभावित परिवारों की लगातार निगरानी करेगी. उनको किसी प्रकार की जरूरत या दिक्कत होने पर उसका समाधान स्वय या बीडीओ या ब्लॉक व जिला स्तर पर संचालित कंट्रोल रूम के माध्यम से कराएगी.
यह समिति अपने गांव में हर जरूरतमंदों को राहत सामग्री पहुंचाने में भी मदद करेगी. इसके अलावा विकास खंड स्तर पर भी कट्रोल रूप संचालित हो गया है, जहां मिली सूचना पर तत्काल रिस्पांस मिलेगा. अगर वहां से समस्या का समाधान नहीं होता है तो जिला स्तर पर संचालित कंट्रोल रूम से सम्पर्क कर समाधान सुनिश्चित कराया जाएगा.

बाढ़ चौकी व आश्रय स्थलों पर 10—10 अस्थाई शौचालय

सभी एडीओ पंचायत अपने ब्लॉक के अन्तर्गत बाढ़ चैकियों या आश्रय स्थलों पर प्रभावित परिवार के लिए अस्थायी शौचालय, स्वच्छ पेयजल, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था का निरन्तर अनुश्रवण कर रहे हैं. जिले की समस्त 34 बाढ़ चैकियों एवं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ पीड़ितों के लिए स्थापित अस्थायी आश्रय स्थलों पर 10-10 अस्थायी शौचालयों का निर्माण सम्बन्धित ग्राम पंचायतों के माध्यम से करा लिया गया है. वहां 15-15 की संख्या में सफाई कर्मचारियों की रोस्टरवार ड्यूटी लगायी गयी है. इनके माध्यम से बाढ़ से जुड़ी हर प्रतिकूल स्थिति की जानकारी बीडीओ या एडीओ पंचायत को मिल रही है. साथ ही आस-पास की ग्राम पंचायतों में डुग्गी आदि के माध्यम से आम जनमानस को बाढ़ की आशंका से अवगत कराया जा रहा है.


(बलिया से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट)