बैरिया के रामगढ़ में तहसीलदार के तरीके पर उठे सवाल, ग्रामीणों का आरोप बिना पैमाइश एक पक्ष को दिया कब्जा

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

बैरिया तहसील क्षेत्र के रामगढ़ गांव में बुधवार को दोपहर में बिना भारी पुलिस फोर्स तथा राजस्व कर्मियों के साथ पहुंचे बैरिया तहसील दार शिवसागर दुबे ने करीब 5 घंटे तक मौके पर बैठकर विवादित जमीन के एक टुकड़े पर एक पक्ष को कब्जा दिलवा दिया बल्कि ईंट-सीमेंट की दीवार भी जुड़वा दी।

इस जमीन पर एक बुजुर्ग विधवा महिला का कब्जा था, वह बार-बार निर्माण कार्य रोकने के लिए गुहार लगा रही थी लेकिन उसे पागल कह कर डांट-फटकार कर वहां से हटा दिया जाता रहा। उसे डराया-धमकाया भी गया।

दोपहर 12:00 बजे के लगभग पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे तहसीलदार शाम 5:30 बजे तक मौके पर जमे रहे। जब एंगल लगा दिया गया और काफी दीवार बन भी गई तब 5:30 बजे के लगभग तहसीलदार मौके पर से गए, जबकि रामगढ़ चौकी प्रभारी तथा पुलिस बल शाम 7:00 बजे तक वहां बैठकर दीवार बनवाता रहा।

पुलिस का कहना था कि हम तो शांति व्यवस्था बनाने के लिए यहां बैठे हैं जबकि वहां के ग्रामीणों का कहना था कि बुढ़िया की नातिन वीडियो बना रही थी तो पुलिस वालों ने उसके हाथ से मोबाइल छीन कर सारा वीडियो डिलीट कर दिया।

ग्रामीणों का कहना था कि तहसीलदार ने सीधे दबंगई दिखाई, पैमाइश किए बिना ही सीधे कब्जा दिला दिया, दिखावे के लिए एक-दो जगह जरीब घुमाई गई।

ग्रामीणों ने बताया कि लगभग दो दशक पहले गंगापुर तहसील बलिया तथा बलिहार मौजा तहसील बैरिया की विवादास्पद स्थिति पर तत्कालीन आईएएस एसडीएम एम. देवराज ने कई दिन पैमाइश के बाद दोनों के सिवान का जो चिन्ह निर्धारित किया था उसको भी तहसीलदार ने नहीं माना। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वर्ष 2018 में तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार गुलाब चंद्र भी आकर यहां पैमाइश कर आए थे और दोनों पक्षों का समझौता कर आए थे।



उधर इस बाबत तहसीलदार शिवसागर दुबे से जब पूछा गया तो उनका कहना था कि न्यायालय के आदेश पर यह पक्की पैमाइश है। इसकी सूचना दो साल पहले ही दी जा चुकी है। न्यायिक आदेश से यह पैमाइश हो रही है। जो सही है उस पर कब्जा दिलाया जा रहा है। उधर बलिहार ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान जय प्रकाश सिंह का कहना था कि तहसीलदार का रवैया ठीक नहीं था। विधवा बुजुर्ग महिला दो-तीन पीढ़ी से इस जमीन की कब्जेदार है। तहसीलदार ने आज यहां एक नया स्वरूप पैदा कर दिया।

उधर पीड़ित के अधिवक्ता देवेंद्र मिश्र से जब बात की गई तो उनका कहना था कि पूर्व में तहसीलदार ने जो पैमाइश की थी उस पर आपत्ति हुई थी। तब पिछले 24 जून को एसडीएम बैरिया प्रशांत नायक, क्षेत्राधिकारी बैरिया, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, क्षेत्रीय लेखपाल, क्षेत्रीय कानूनगो, दोनों पक्ष, दोनों पक्षों के अधिवक्ता को लेकर एसडीएम ने सब का पक्ष सुना और पीछे के सारे पैमाइश को दरकिनार करते हुए नायब तहसीलदार रजत सिंह के नेतृत्व में राजस्व टीम गठित कर उसे साथ लेकर मौके का निरीक्षण, पैमाइश कर समस्या समाधान का आदेश किया था।

वकील देवेंद्र मिश्र ने सवाल उठाते हुए कहा कि तब तहसीलदार ने मौके पर जाने से इंकार कर दिया था, आज एकाएक तहसीलदार का पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर सीधे-सीधे कब्जा दिलाना, अपने उच्च अधिकारी के आदेश का उल्लंघन है। एकाएक इस मामले में तहसीलदार का इंटरेस्टेड हो जाना अपने आप में खुद ही संदिग्ध है। यह विधि सम्मत भी नहीं है। यहां कानून का भी उल्लंघन हुआ है।

उधर इस संदर्भ में दूरभाष पर जब एसडीएम बैरिया प्रशांत नायक से बात की गई तो उनका कहना था कि वह कार्य पर लौटते ही देखेंगे कि क्या हुआ है। विधि विरुद्ध वहां पर कोई कार्य नहीं होने दिया जाएगा।


(बैरिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)