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नगरा. गेहूं खरीद की अंतिम तिथि को भी काफी सारे किसानों के गेहूं की खरीद नहीं हो सकी. हफ्तों से क्रय केंद्रों पर चक्कर काट रहे किसान आखिरकार मायूस होकर गेहूं से लदी ट्रालियों के साथ घर लौट रहे है.
सरकार द्वारा गेहूं खरीद की तिथि 22 जून तक बढ़ाए जाने पर किसानों को उम्मीद बंधी थी, किसानों को लगा कि उनकी फसल बिक जाएगी लेकिन क्षेत्र में एकमात्र विपणन केंद्र को गेहूं खरीद के लिए अधिकार मिलने से किसान अपनी फसल बेचने में नाकाम रहे, वहीं बिचौलिए किसानों का गेहूं खरीदने के लिए सक्रिय हो गए हैं.
सरकार ने गेहूं खरीद की अंतिम तिथि 15 जून तक रखी गई थी. बाद में इस तिथि को बढ़ाकर 22 जून कर दिया गया लेकिन गेहूं खरीद के लिए क्षेक्र में एक ही केंद्र विपणन को अधिकृत किया गया. इसके बाद यहां पर क्षेत्र के तमाम किसान गेहूं लदी ट्राली लेकर पहुंच गए, जबकि पहले से ही दो दर्जन से अधिक ट्रालियां तीन सप्ताह पहले से यहां खड़ी थी.
ट्रालियां बढ़ने के बाद विपणन केंद्र पर गेहूं खरीदने का दबाव बढ़ने लगा, वहीं इसी बीच मौके का फायदा उठाकर बिचौलिए भी सक्रिय हो गए. मंगलवार को अंतिम दिन विपणन के क्रय केंद्र पर तीन दर्जन से अधिक ट्रालियां सड़क के दोनों तरफ खड़ी थीं और किसान अपना गेहूं बेचने के लिए इंतजार कर रहे थे.
सड़क पर दोनों तरफ ट्रालियों के खड़ा हो जाने से बेल्थरारोड मार्ग पर घंटो जाम की स्थिति बनी रही. वहीं किसानों की बढ़ती भीड़ व हंगामे के डर से केंद्र प्रभारी थाने से पुलिस फोर्स लेकर केंद्र पर पहुंचे और पुलिस ने सड़क जाम कर रही ट्रालियों को हटवाया. दोपहर तक मात्र दो ट्रालियों की खरीद होने से अधिकतर किसान मायूस होकर अपनी गेहूं लदी ट्राली लेकर लौटने लगे. इधर किसानों के गेहूं लेकर वापस लौटते ही बिचौलिए सक्रिय हो गए है. केंद्र पर तहसीलदार रसड़ा भी आये किन्तु स्थिति देख खिसक लिए .
(नगरा से संतोष द्विवेदी की रिपोर्ट)