कटान पीड़ितों को नहीं मिली है आवंटित जमीन, सड़क चौड़ीकरण के लिए उजाड़ने की तैयारी?

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बैरिया. बकुल्हा संसार टोला टेंगरही तटबंध पर बने मार्ग का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण के क्रम में बंधे के पटरियों पर शरण लिए दर्जनों कटान पीड़ित परिवारों को पुलिस बल के सहयोग से तत्काल वहां से हटाने की तैयारी है। लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता ने इस बारे में जिलाधिकारी व एसडीएम बैरिया को पत्र भी लिखा है लेकिन कटान पीड़ितों के सामने बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है कि वह जाएं तो जाएं कहां।

अधिशासी अभियंता के पत्र में कहा गया है कि कटान पीड़ितों के कारण मार्ग के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण में बाधा उत्पन्न हो रहा है। उल्लेखनीय है कि सरयू नदी के कटान से विस्थापित होकर वर्षों से दर्जनों कटान पीड़ित परिवार बीएसटी बंधे की पटरियो पर शरण लिए हुए हैं। उन्हें बसाने के लिए तहसील प्रशासन द्वारा सन 2017 में आवासीय पट्टे की भूमि ग्राम पंचायत चांददियर में आवंटित कर दी गई थी किंतु अभी तक उस पर कब्जा दखल नहीं दिलाया जा सका है।

 

 

अब प्रश्न यह है कि प्रशासन बंधे से बेदखल कर देगा। और आवंटित पट्टे की भूमि पर तहसील प्रशासन कब्जा नहीं दिलाएंगे तो आखिर कटान पीड़ित जाएंगे कहां। इस बाबत इंटक के जिलाध्यक्ष विनोद सिंह ने लोक निर्माण विभाग के इस आदेश को मानवता के विपरीत बताते हुए कहां है कि छोटे-छोटे बच्चों व महिलाओं को लेकर उक्त दर्जनों कटान पीड़ित  परिवार इस बरसात के दिन में आखिर जाएंगे कहां। इन्हें आवंटित भूमि पर क्यों कब्जा नहीं दिलाया जा रहा है। इस के संदर्भ में सार्वजनिक रूप से कारण को तहसील प्रशासन द्वारा स्पष्ट किया जाना चाहिए।

दूसरी तरफ तहसीलदार पंडित शिव सागर दुबे ने कहा है कि राजनीति खींचातानी के कारण उक्त कटान पीड़ितों को आवासीय पट्टे की जमीन पर अभी तक तहसील प्रशासन कब्जा नहीं दिला पाया है लेकिन हर हाल में कटान पीड़ितों को उनकी पट्टे की भूमि पर कब्जा दिलवाएंगे। अब देखना यह है कि प्रशासन इन कटान पीड़ितों को बच्चों और महिलाओं के साथ दर-दर भटकने के लिए यहां से उजाड़ देता है या उजाड़ने से पहले उन्हें आवासीय भूमि का पट्टा पर कब्जा दिलवा देता है।

(बैरिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)