दलनछपरा में अनाथ हुए बच्चे शेल्टर होम जाएंगे

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बलिया. विकास खण्ड मुरलीछपरा के ग्राम दलनछपरा में  21मई को कोविड-19 कोरोना के कारण पूनम देवी की मौत के बाद अनाथ हो गए उनके बच्चें रूबी 13 वर्ष, काजल 15 वर्ष, रेनू 9 वर्ष एवं अंकुश 7 वर्ष की देखरेख उनकी दादी फुलेश्वरी देवी कर रही हैं।

मुख्य विकास अधिकारी प्रवीण वर्मा के निर्देशानुसार महिला कल्याण विभाग की टीम दलनछपरा पहॅुच कर उक्त बच्चों की दादी फुलेश्वरी देवी से मिली। दादी ने बताया कि उन्हें विधवा पेंशन प्राप्त होती है। वह अब चार बच्चों में रेनू उम्र 9 वर्ष व अंकुश उम्र 7 वर्ष को शेल्टर होम भेजने के लिए भी तैयार हैं।

इसके बाद दो बच्चों को विभाग द्वारा संचालित स्पॉन्सरशिप योजनान्तर्गत लाभान्वित किये जाने हेतु महिला कल्याण विभाग की टीम द्वारा फार्म भरवा लिया गया है। बच्चों को शेल्टर होम भेजने के लिए बाल कल्याण समिति, बलिया के द्वारा आवश्यक कार्यवाही किया जा रहा है, जिसमें दोनो बच्चें अंकुश व रेनू को प्रेमलता, मंजू तिवारी समिति बाल गृह पता मोहम्मदाबाद गोहना, मऊ में भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही है।

बाल कल्याण समिति के सदस्य राजू सिंह के नेतृत्व में महिला कल्याण अधिकारी पूजा सिंह, वन स्टाप सेन्टर की प्रिया सिंह, जिला बाल संरक्षण इकाई से राजेश खरवार, चाइल्ड लाइन से युसूफ खां व शाहिदा परवीन की संयुक्त टीम थी।

इससे पहले शनिवार को भी यह टीम दलनछपरा पासवान बस्ती दोकटी पहुंची थी। तब बच्चों की दादी फुलेश्वरी से टीम ने सभी बच्चों को अपने साथ में ही रखने की बात कही थी। टीम ने अवगत कराया था कि सरकार द्वारा संचालित बाल गृह बालक/बालिका में बच्चे को रहने खाने व पढ़ने की निःशुल्क व्यवस्था सरकार के तरफ से है, जहां आप जब चाहें, बच्चों से मिल सकती है। वही परिवार में माता-पिता की मृत्यु के बाद परिवार में ऐसे दो बच्चों को शिक्षा व्यवस्था हेतु स्पॉन्सरशिप योजनान्तर्गत प्रत्येक माह दो हजार रुपये प्रति महीने दिए जाने का प्रावधान भी है।

एसडीएम बैरिया प्रशांत नायक ने बताया कि परिवार को अंत्योदय योजना व स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ मिले तथा पात्र गृहस्थी कार्ड को अंत्योदय में बदलने के लिए बीपीएल कैटेगरी का आय प्रमाण पत्र तहसील द्वारा बनाया जा रहा है।

(बैरिया से कृष्णकांत पाठक के साथ वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)