बिहार से लाल बालू ला रहे ट्रकों को जबरन रोका, मांझी के पास 5 किमी.तक जाम लगा

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बैरिया, बलिया. बिहार से लाल बालू लाने का मुद्दा बैरिया में काफी दिनों से विवाद का मसला बना हुआ है. पिछले दिनों इस मसले को लेकर स्थानीय विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह ने थाने पर धरना तक दिया.  अब बिहार से लाल बालू लेकर आने वाले ट्रकों को मांझी- जयप्रभा सेतु के निकट कुछ युवकों ने यह कहते हुए रोक दिया कि जब ट्रैक्टर वालों को लाल बालू नहीं ले आने दिया जा रहा तब ट्रक भी बिहार से यूपी में नहीं आएगा.

इन युवकों ने पुलिस द्वारा बालू लेकर आने वाले ट्रकों को सरक्षण देने का आरोप लगाया और इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक को ट्वीट भी कर दिया. सोमवार की देर रात हुई इस घटना से मंगलवार की दोपहर तक एक भी लाल बालू लदा ट्रक यूपी सीमा में नही प्रवेश कर पाया. इसके फलस्वरूप बिहार की सीमा में मांझी से रिबिलगंज तक लगभग छह किमी लम्बी ट्रकों की कतार लग गयी जिससे वहां जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी.

इस प्रकरण को लेकर पुलिस अधीक्षक विपिन ताडा मंगलवार को दोपहर बाद मांझी के जयप्रभा सेतु के उस स्थान पर पहुच गए जहां रात में युवकों ने ट्रकों को रोका था. प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए ट्रक चालकों व ट्रक रोकने वालों से बात की. इस दौरान एसएचओ संजय त्रिपाठी ने बताया कि यह लोग ट्रैक्टर से लाल बालू बिहार से ले आने की व्यवस्था कायम रखना चाहते है, जबकि खनन विभाग इस पर रोक लगा रखा है क्योंकि ट्रैक्टर के पास व्यापारिक कार्य करने के लिए कागजात नहीं होते है, वह कृषि कार्य के लिए है.

इस पर पुलिस अधीक्षक ने शक्ति दिखाते हुए कहा कि जो नियम संगत होगा वही होगा. उन्होंने कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर एसएचओ के प्रति नाराजगी व्यक्त की. पुलिस अधीक्षक ने वैध कागजातों के साथ बिहार सीमा में खड़े ट्रकों को यूपी सीमा में गंतव्य तक जाने का निर्देश दिया और उनकी मौजूदगी में ही ट्रकों का काफिला बालू लेकर यूपी सीमा में आ गए.

पुलिस अधीक्षक ने स्पस्ट किया कि जल्द ही मांझी के जयप्रभा सेतु के निकट सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे, किसी को भी गैरकानूनी कार्य करने नहीं करने दिया जाएगा. अगर किसी ने भी गैरकानूनी कार्य करने का प्रयास किया तो उसे उसका परिणाम भुगतना पड़ेगा. लगभग एक घण्टे तक मौके पर मौजूद रह कर पुलिस अधीक्षक ने सबकी सुनी और आश्वस्त किया कि किसी से कोई भेदभाव नही होगा.

(बैरिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)