जरूरी है ‘दो बूंद जिंदगी की’ ताकि वापसी न कर सके पोलियो

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बलिया. जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने जिला महिला अस्पताल में रविवार को राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत की. इस अवसर पर 5 साल तक के बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाकर अभियान की शुरुआत की गयी. सीएमओ ने कहा अब देश में पोलियो का उन्मूलन हो चुका है, लेकिन फिर से पोलियो वायरस पनप न सके इसीलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जा रही है.

सीएमओ ने अभिभावकों से अपील की कि अपने-अपने बच्चों को पोलियो बचाव की खुराक अवश्य पिलायें ताकि भारत में पोलियों को समूल रूप से नष्ट किया जा सके. इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ एके मिश्रा ने बताया कि जिले में 4.95 लाख बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. पूरे जिले में 1,601 बूथ बनाए गए हैं. इसके साथ ही अभियान के 835 टीमें हैं, जो घर -घर जाकर बच्चों को दवा पिलाने का काम करेंगे.

उन्होंने बताया कि भारत में पोलियो का अंतिम मामला 13 जनवरी, 2011 को पश्चिम बंगाल के हुगली में रिपोर्ट हुआ था. विश्व स्वास्थ संगठन ने भारत को 27 मार्च, 2014 को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया है. हालांकि पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान, अफगानिस्तान में फैलने का खतरा बना हुआ है, जिस वजह से देश में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत पल्स पोलियो अभियान के दौरान पोलियो की दवा पिलाई जा रही है.

इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० राजेन्द्र प्रसाद एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ० सुमिता सिन्हा, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सत्या सिंह, नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ० सिद्धार्थ मणि दुबे, अपर शोधधिकारी रामहित, डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि, यूनिसेफ़ प्रतिनिधि, नसीम खान, आयुष्मान भारत कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. चंद्रशेखर सिंह सहित अन्य चिकित्सक एवं चिकित्साधिकारी उपस्थित थे.