बलिया में 85 और उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड 7,103 नए मरीज बढ़े

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

बलिया से वीरेंद्र नाथ मिश्र

शुक्रवार को जिला प्रशासन की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक 85 नए कोरोना संक्रमितों की बढोतरी दर्ज की गई. इस तरह यहां कुल संक्रमितों की संख्या अब 8531 हो गयी है. हालात को बिगडते देख, बलिया जिला प्रशासन ने कोरोनारोधी औषधि किट शुक्रवार को लांच किया.

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 24 घंटे के भीतर उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड 7,103 नए मरीज बढ़े हैं. इससे पहले गुरुवार को 7042 पॉजिटिव केस सामने आए थे. इसके बाद प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा 2.99 लाख पहुंच गया है. राहत की बात है कि इनमें अब तक 2.27 लाख केस इलाज के बाद कोरोना मुक्त हो चुके हैं. शुक्रवार को सरकार ने ऑन डिमांड कोविड टेस्ट कराने की छूट दी है.

यूपी में कोरोना के 67321 एक्टिव केस

यूपी के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन ने बताया कि प्रदेश में एक्टिव मामलों की कुल संख्या 67,321 है. जो लोग पूरी तरह ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं उनकी संख्या 2,27,442 हो गई है. उत्तर प्रदेश में सरकारी क्षेत्र के RT-PCR लैब में कल 50,076 टेस्ट किए गए. कल प्रदेश में कुल 1,50,652 सैंपल्स की जांच की गई. अब तक कुल 72,17,980 सैंपल्स की जांच की जा चुकी है. प्रदेश की पॉजिटिविटी रेट 4.14 % है. प्रदेश में 34,920 लोग होम आइसोलेशन में हैं. अब तक 1,44,147 लोगों ने होम आइसोलेशन का विकल्प लिया है, जिसमें से 109,227 की होम आइसोलेशन अवधि समाप्त हो चुकी है.

UP में डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन के बिना भी कोविड टेस्ट

यूपी अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि अब ऑन डिमांड भी कोविड टेस्ट कराया जा सकता है, डॉक्टर प्रिसक्रिप्शन के बिना भी अब कोविड टेस्ट कराया जा सकता है. प्रदेश में कंटेनमेंट जोन की संख्या अब 20,000 हो गई है. जिनमें लगभग 16,20,000 मकान चिन्हित हैं, 93,31,000 लोग इन कंटेनमेंट जोन में रह रहे हैं. कंटेनमेंट जोन में पॉजिटिव मामलों की संख्या 49,508 है.

कोरोनारोधी औषधि किट व सक्रिय रोग निरोध का शुभारम्भ, मेडिकल टीम के बताए अनुसार खाएं सभी दवाएं : डीएम

बलिया जिले में पॉजिटिव मरीजों की रिकवरी रेट और बेहतर हो सके, उनकी दिक्कतें कम हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोनारोधी औषधि किट शुक्रवार को लांच किया गया. इस अवसर पर सक्रिय रोग निरोध का भी शुभारम्भ हुआ, जिसके जरिए कोरोना होने की सम्भावनाएं कम होंगी. जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने कोरोनारोधी औषधि किट में रखी दवाओं के बारे में विस्तार से बताया.

कहा, पॉजिटिव आने के बाद ये सभी दवाएं महत्त्वपूर्ण हैं. अगर डॉक्टर इन दवाओं को खाने के लिए दे रहें हैं तो कत्तई परहेज नहीं करें. डॉक्टर के बताए गए समय पर सभी दवाओं को जरूर खा लें. ऐसा करके मरीज अपनी दिक्कतों को काफी हद तक कम कर सकते हैं. जिंक टैबलेट व मल्टी विटामिन्स के जरिए भी इम्यूनिटी को बेहतर कर सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि एंटीजन रैपिड किट से पॉजिटिव आने पर एक घंटे के अंदर तथा आरटीपीसीआर से आने पर चार घंटे के अंदर यह दवा मरीज तक पहुंच जाएगी.

इस अवसर पर सीडीओ विपिन जैन ने बताया कि पहले भी फाइलेरिया, मलेरिया या रतौंधी की बीमारी को रोकने के लिए दवा दी जाती थी. बच्चों में कीड़ी मारने के लिए दवा दी जाती थी, पर लोग फेंक देते थे. अब कोरोना हो ही नहीं, इसके लिए इवरमेक्टिम को जिस तरीके से खाने की सलाह दी जा रही है, जरूर खाएं.

इवरमेक्टिन दवा से 80 फीसदी से कम होगी कोरोना होने की सम्भावना

जिलाधिकारी ने बताया कि सक्रिय रोग निरोध के अन्तर्गत इवरमेक्टिम दवा खाने से कोरोना होने की सम्भावनाओं को 80 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. स्वस्थ्य लोग भी इसे जरूर खा लें. खासकर बाहरी समाज में घूमने वाले लोग जरूर खाएँ. सबसे अच्छी बात कि इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. यह आम तौर पर हर छह महीने पर खाई जाने वाली कीड़ी की दवा है. ध्यान रहे कि सही तरीके से इस दवा को खाना होगा. गर्भवती महिलाएं व दो वर्ष से छोटे बच्चे इस दवा को नहीं खाएं.

इसके तरीके की जानकारी देते हुए सीडीओ विपिन जैन ने बताया कि रात को वसायुक्त खाना खाने के दो घंटे बाद इवरमेक्टिन की 12 एमजी की एक गोली या 6 एमजी की दो गोली खा लें. फिर 7वें तथा 30वें दिन इस दवा को खाएं.

हर सीएचसी-पीएचसी पर भी उपलब्ध है इवेरमेक्टिम

जिलाधिकारी ने बताया कि इवरमेक्टिन दवा हर सीएचसी व पीएचसी पर भी उपलब्ध कराई गई है. कोई भी अपने नजदीकी अस्पताल पर जाकर नि:शुल्क यह दवा ले सकते हैं. बताया कि सामान्य व्यक्ति सक्रिय रोग निरोध के अन्तर्गत इस दवा को खाकर कोरोना होने के चांस को कम करें. बताया कि सक्रिय रोग निरोध यानि रोग ही न हो, ऐसा सफल प्रयोग मलेरिया व रतौंधी की रोकथाम में की जा चुकी है.

आक्सीमीटर नहीं रखना जान जोखिम में डालना

जिलाधिकारी ने एक बार फिर दोहराया कि पल्स आक्सीमीटर से आक्सीजन लेवल मापते रहने से खतरनाक स्थिति में जाने वाली सम्भावनाओं का पहले ही पता चल जाएगा. इसलिए हर पॉजिटिव मरीज अपने पास इसको जरूर रखें. इसे नहीं रखना मतलब जान जोखिम में डालना है. बताया कि होम आइसोलेट मरीज आक्सीजन लेवल मापते रहें. अगर 96 से कम होता है तो सतर्क हो जाएं तथा 92 से कम हो तो कन्ट्रोल रूम को जानकारी देकर अस्पताल चले जाएं. ऐसा करके अपनी जान बचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे कई केस में मौत हो चुकी है.