Watch Video रसड़ा में पुलिस-पब्लिक के बीच संघर्ष, ASP समेत कई घायल

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रसडा (बलिया) से संतोष सिंह

रसड़ा-बलिया मार्ग स्थित कोटवारी मोड़ पर गुरुवार को पुलिस की हिरासत में युवक की पिटाई के खिलाफ लोगों ने जाम लगा दिया. आंदोलित लोगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया. इस बात से आक्रोशित लोगों ने पत्थर बाजी कर एसएसपी समेत 9 पुलिस कर्मियों को घायल कर दिया. साथ ही अस्थाई चौकी में तोड़फोड़ भी की. एसडीएम की गाड़ी सहित दर्जनों बाइकों को क्षतिग्रस्त कर दिया.

सभी घायलों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रसडा में करवाया गया. नगर में अफरा तफरी का माहौल दिन भर कायम रहा. नगर के वार्ड नं एक धोबही में पारिवारिक विवाद था. उसी विवाद में पन्ना राजभर (35) को बुधवार को पुलिस पकड़ कर लायी थी. बताया जाता है कि पुलिस की पिटाई से पन्ना राजभर की हालत बिगड़ गयी.

गुरुवार को सुबह साढ़े नौ बजे पन्ना राजभर को लेकर आक्रोशित महिला पुरुष सैकड़ों की तादाद में पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कोटवारी मोड़ पहुंच कर बलिया मार्ग को अवरुद्ध कर दिए. आक्रोशित सैकडों ग्रामीण घायल युवक को सड़क पर रख कर पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे. पुलिस के लाख प्रयास के बावजूद आक्रोशित ग्रामीण पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग करते रहे.

इस दौरान सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गयी. घायल युवक के पिता बड़ाई राजभर पुत्र स्व स्वरूप ने पुलिस अधीक्षक को सम्बोधित क्षेत्राधिकारी को तीन सूत्री मांग पत्र सौपा. उन्होंने चौकी इंचार्ज धर्मेन्द्र कुमार और दीवान राजबली को बर्खास्त करने की मांग की. साथ ही घायल युवक का इलाज करवाने और परिवार की सुरक्षा की मांग की.

पत्रक सौंपने के बाद भी आक्रोशित ग्रामीण अपनी मांग पूरी करने की जिद पर अड़े रहे. इस बीच लाठी चार्ज होते ही ग्रामीणों में भगदड़ मच गयी. फिर क्या था, जो जहां था, वहीं से पत्थर और लाठी डण्डा लेकर टूट पड़ा. इसके चलते अस्थाई दक्षिणी चौकी को क्षतिग्रस्त करने के साथ साथ एसडीएम की गाड़ी और एक दर्जन बाइकों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. पत्थरबाजी में एसएसपी सीओ समेत 9 पुलिस कर्मी भी घायल हो गए.

आखिर क्या है विवाद की जड़

पुलिस की लापरवाही के चलते चाचा-भतीजा के बीच का विवाद आखिरकार गहरा गया. घायल पन्ना राजभर के चाचा देऊ और चाची दुलारी देवी हैं. संतान न होने के कारण चाचा-चाची ने 20 साल पहले पूर्व पन्ना राजभर को औपचारिक तौर पर गोद लिया था. गोद लेने के कारण चाचा-चाची की संपत्ति पर पन्ना राजभर का अधिकार बनता. लेकिन कुछ दिन बाद ही चाचा-चाची पन्ना राजभर को गोद लेने से इनकार करने लगे.

कई दस्तावेजों पर पन्ना राजभर के पिता का नाम हटवा दिया गया था. केवल आधार कार्ड पर ही पिता का नाम रह गया था. चाचा-चाची अब अपनी सम्पति बेटी दामाद को देना चाहते हैं. चाचा-चाची की शिकायत पर पुलिस बृहस्पतिवार की शाम पन्ना राजभर को घर से उठा ले गई. उधर पन्ना राजभर की मां राधिका देवी ने आरोप लगाया है कि पुलिस 26 हजार रुपये लेकर उनके बेटे की जमकर पिटाई की है. उन्होंने बताया की बाद में पुलिस ने चार हजार रुपये इलाज के लिए दिया.

अनियंत्रित भीड़ ने पुलिस ही नहीं, पत्रकारों को भी नहीं बख्शा, बवाल होने पर भीड़ घायल पन्ना राजभर को छोड़ कर भाग खड़ी हुई

पुलिस द्वारा लाठी चार्ज के दौरान आक्रोशित लोगों द्वारा पत्थरबाजी में एसएसपी संजय कुमार (48) और उनके हमराही संदीप कुमार यादव (30), रंजीत कुमार (25), सीओ केपी सिंह (57), सिटी इंचार्ज प्रमोद कुमार सिंह (53), एसआई राज कपूर सिंह (35), सिपाही श्रवण यादव (23), होमगार्ड राज कुमार मिश्र (45) और रामनरायण (35) घायल हो गये. इस वारदात को मौके पर कवर कर रहे पत्रकार पिन्टू सिंह, शकील अहमद और सुमित गुप्ता को भी मामूली चोटें आईं. वहीं नगर के धोबही निवासी पवित्रा देवी (55) भी घायल हो गईं. उनका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रसड़ा में करवाया गया. दर्जनों लोगों को मामूली चोटें भी लगी हैं.

पत्थर बाजी में एसडीएम की गाड़ी को क्षतिग्रस्त करने के साथ एक दर्जन बाइकों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. इस वारदात में इस वारदात को कवर कर रहे पत्रकार आरिफ अहमद की बाइक को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया. हिंसक भीड़ ने घायल युवक पन्ना राजभर को बचाने गए एसआई राज कपूर को भी अपने पत्थरों का निशाना बना दिया, जिससे वे घायल हो गए. लोग घायल पन्ना राजभर को सड़क पर रख कर आंदोलन कर रहे थे. बवाल होने पर भीड़ घायल को छोड़ कर भाग खड़ी हुई.

प्रथम दृष्टया दोषी चौकी प्रभारी और दीवान को निलंबित कर दिया गया है. मामले की जांच का आदेश दिया गया है और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश में माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा

– अनिल राजभर (बलिया जिले के प्रभारी मंत्री), मीडिया से बातचीत में