अब 50 हजार की आबादी के लिए लॉकडाउन लागू कर सकता है घाघरा के बाढ़ का पानी

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प्रशासन के तरफ से नाव आदि की कोई व्यवस्था नहीं दी गई है, एसडीएम बैरिया बोले, रात भर में स्थिति नहीं सुधरी तो कल नाव भेजी जाएगी

बैरिया (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र



सुरेमनपुर पुराने रेलवे स्टेशन के उत्तर घाघरा के छाड़न (भागड़) में पहुंचा घाघरा के बाढ़ का पानी. हजारों एकड़ खेत जलमग्न. स्थिति यही रही तो 50 हजार आबादी के आवागमन का संकट उत्पन्न हो सकता है.


बताते चलें कि सुरेमनपुर पुराने रेलवे स्टेशन से उत्तर घाघरा नदी के छाड़न में घाघरा के बाढ़ का पानी पहुंच गया है. देवपुर मठिया से होते हुए पुराने रेलवे स्टेशन के उत्तरी दियरांचल में घाघरा का पानी छाड़न होते हुए पूरब में जाकर फिर घाघरा नदी में मिल जाता है. इससे इलाकाई लोग भागड़ भी कहते हैं. उत्तरी दियरांचल में हजारों एकड़ खेतों में पानी भर चुका है और धारा भी बह रही है.

यहां यह भी बता दें घाघरा के छाड़न यानी भागड़ के उत्तर में शिवाला मठिया, गोपाल नगर, मानगढ़ और वशिष्ठ नगर कुल 4 ग्राम पंचायतों की लगभग 50 हजार आबादी है. उसके और उत्तर में घाघरा मुख्य नदी है. इन चारों ग्राम पंचायतों के लोगों के आवागमन के लिए घाघरा के छाड़न पर रामबालक बाबा सेतु बना है तथा आवागमन के लिए प्रधानमंत्री योजना अंतर्गत सड़क बनी है.

उत्तरी दियरांचल के लोगों के आवागमन के लिए यही एकमात्र रास्ता है. जिसके दोनों तरफ बाढ़ का पानी लग गया है और उसमें तेज लहरें भी चल रही हैं. ग्रामीणों ने आशंका व्यक्त की है कि अगर पानी इसी तरह से बढ़ता रहा तो सड़क मार्ग से आवागमन बंद हो जाएगा, या फिर सड़क से उतरकर गांव में जाने के लिए बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी. गांव से आने जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ेगा. जिसकी प्रशासन द्वारा व्यवस्था नहीं की गई है.

उधर दियरांचल के धूपनाथ के डेरा, बैजनाथ के डेरा और नवका गांव आदि बस्तियों में चारों तरफ से घाघरा के बाढ़ का पानी भर गया है. लोगों को सीने की ऊंचाई तक बाढ़ के पानी से होकर आना जाना पड़ रहा है. प्रशासन के तरफ से नाव आदि की कोई व्यवस्था वहां नहीं दी गई है. पूछे जाने पर उप जिलाधिकारी बैरिया सुरेश पाल ने बताया कि आज से घाघरा के पानी में घटाव की सूचना मिल रही है. रात भर में स्थिति नहीं सुधरी तो कल से वहां छोटी नावों को लगा दिया जाएगा.