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सिकन्दरपुर : हड़सर गो-आश्रय केंद्र में हुई पशुओं की मौत के बाद भी जिला प्रशासन ने महज कागजी खानापूर्ति कर पल्ला झाड़ लिया. चार बछड़ों की मौत खबर के बाद एसडीएम अन्नपूर्णा गर्ग और सीवीओ अशोक मिश्रा ने मौके का निरीक्षण किया. लोगों का कहना है कि दो माह से आश्रय केंद्र में तैनात कर्मचारी नहीं देखे गये हैं.
निरीक्षण के नाम पर महज कागजी खानापूर्ति कर दोनों अधिकारी चलते बने. प्रदेश सरकार ने बेसहारा पशुओं के रखरखाव के लिए गौ आश्रय केंद्र खोले है. इन पर भारी भरकम राशि भी व्यय की जा रही है. देखभाल के लिए कर्मचारियों के होने के बावजूद मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा है.
यहां के लोग भी कर्मचारियों की लापरवाही को बछड़ों की मौत का कारण मानते हैं. रविवार को मौके पर पहुंचे दोनों अधिकारियों की जांच में 27 बछड़ों में 18 बछड़े ही मौके पर मौजूद मिले. इनमें पांच की जहां मौत हो चुकी है वहीं अभी भी चार गायब हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो महीने से यहां किसी कर्मचारी को नहीं देखा गया. बावजूद घटना के जिम्मेदारों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. हैरत की बात तो यह है कि तीन बछड़ों की मौत की ही पुष्टि कर रहे हैं.