सेवानिवृत्ति के बाद देयकों के भुगतान में विलंब पर कमिश्नर ने की कार्रवाई

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बलिया। मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने एएनएम की सेवानिवृत्ति के बाद तीन साल तक जीपीएफ भुगतान, एरियर आदि देयों का भुगतान लम्बित होने पर सख्त नाराजगी जताते हुए जिम्मेदार चार कर्मचारियों की सत्यनिष्ठा संदिग्ध करने का निर्देश दिया है.

जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चिलकहर से 31 जुलाई 2016 को सेवानिवृत्त हुईं एएनएम गीता सिंह द्वारा कुछ दिन पहले ही मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था. बताया गया था कि सेवानिवृत्ति के उपरान्त उप्र परिवार कल्याण महानिदेशालय द्वारा उनके जीपीएफ के 90 प्रतिशत भुगतान की स्वीकृति के बाद और अपर निदेशक के आदेश के बावजूद सीएमओ कार्यालय से भुगतान की कार्यवाही नहीं की गयी. इसके अलावा 7वें वेतन आयोग के वेतन एरियर का भी भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. प्रार्थना पत्र के अनुसार, पहले कार्यालय से सम्पर्क करने पर बताया गया कि स्वीकृति आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, परन्तु अब स्वीकृति सम्बन्धी आदेश की पत्रावली गुम बताई जा रही है.
मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने प्रकरण को पूरी गंभीरता से लेते हुए सीएमओ से उत्तरदायी कर्मचारियों का पूर्ण विवरण तलब किया. सीएमओ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इसके लिए तत्कालीन लिपिक आनन्द दूबे, जो अब सीएमओ कार्यालय गाजीपुर में हैं, तत्कालीन वरिष्ठ सहायक अरुण कुमार चौधरी (सीएमओ कार्यालय बाराबंकी), वरिष्ठ सहायक उत्तम कुमार वर्मा ( जिला महिला चिकित्सालय बलिया) एवं वरिष्ठ सहायक/पटल सहायक आरके सैनी उत्तरदायी हैं. इस आख्या के आधार पर मण्डलायुक्त ने चारों कर्मचारियों की सत्यनिष्ठा संदिग्ध किये जाने का निर्देश अपर निदेशक को दिया है. कार्रवाई कर अवगत कराने को भी कहा है.