उन्नाव रेप केसः सुप्रीम कोर्ट के तेवर सख्त, यूपी सरकार ने जारी किए 25 लाख के चेक

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

नई दिल्ली/लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट में उन्नाव रेप केस मामले से जुड़े 5 केस दिल्ली की निचली अदालत में ट्रांसफर कर दिए हैं. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को 45 दिन के भीतर इस पूरे मामले में फैसला सुनाने का निर्देश दिया है. 45 दिन तक हर रोज इस मामले की सुनवाई की जाएगी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया है कि रेप पीड़िता को 24 घंटे में 25 लाख मुआवजा मिलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पीड़िता के साथ-साथ पीड़िता के वकील को भी सुरक्षा मिलनी चाहिए. उधर, उन्नाव गैंगरेप के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को BJP ने पार्टी से निकाल दिया है. कुलदीप सिंह सेंगर पार्टी से पहले ही निलंबित चल रहे थे.

क्या रेप पीड़िता के पिता की मौत पुलिस हिरासत में हुई है?

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सीबीआई से कई सवाल किए. उन्होंने पूछा कि क्या रेप पीड़िता के पिता की मौत पुलिस हिरासत में हुई है? इसके अलावा सीजीआई ने पूछा कि उनकी गिरफ्तारी, पिटाई और मौत में कितना वक्त था? अदालत ने उन्नाव कांड के जिन केस की सुनवाई लखनऊ में चल रही है उन सभी केस को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को उन्नाव पीड़िता और अन्य लोगों के एक्सीडेंट की जांच की रिपोर्ट को 7 दिन में पूरा करने का आदेश दिया है. इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्नाव रेप केस का ट्रायल दिल्ली के निचली अदालत में चलेगा. जिला जज धर्मेश शर्मा के कोर्ट में इस केस की सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने केस को ऐसे जज के पास भेजा जो पॉक्सो कोर्ट से जुड़ा नहीं है, लेकिन वह दिल्ली स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी के पूर्व सदस्य सचिव रहे हैं.

बलात्कार पीड़िता की सुरक्षा में लगाए गए कांस्टेबल निलंबित

देशभर में नाराजगी और तीखी प्रतिक्रिया के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस गुरुवार को हरकत में आयी और उन्नाव बलात्कार पीड़िता की सुरक्षा के लिए लगाये गये तीन पुलिस कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया. इस बीच, रविवार को सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाली पीड़िता की मौसी का बाराबंकी स्थित उनके गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया. उधर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्नाव रेप केस की पीड़िता के परिवार के लिए 25 लाख रुपये का मुआवजा चेक जारी कर दिया है. उन्नाव जिलाधिकारी ने चेक जिलाधिकारी लखनऊ को भेज दिया. यह चेक जिनके जरिये पीड़ित परिवार को दिया जाएगा. कोर्ट के आदेश के अनुसार यह चेक कल तक पीड़ित परिवार को मिल जाना है.

पीड़िता अब भी वेंटिलेटर पर, रोड एक्सीडेंट की सीबीआई जांच शुरू

पीड़िता लड़की ने 2017 में उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया था. इस मामले में सेंगर को गिरफ्तार किया गया था. मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी थी और इस वक्त सेंगर जेल में है. रायबरेली सड़क दुर्घटना के मामले की भी सीबीआई जांच आरंभ हो गयी है. उधर, पीड़िता और उसके वकील की हालत आज पांचवें दिन भी स्थिर बनी हुई है. पीड़िता जहां अभी भी वेंटीलेटर पर है, वहीं वकील को आज भी कुछ देर के लिए वेंटीलेटर से हटाकर देखा गया. केजीएमयू ने ऐसी किसी संभावना से इनकार किया कि पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया जा रहा है. केजीएमयू ट्रामा सेंटर के प्रभारी डॉक्टर संदीप तिवारी ने गुरुवार दोपहर को कहा, पीड़िता के मल्टीपल फ्रैक्चर हैं. साथ ही सीने में भी चोट है. पीड़िता की हालत स्थिर है. बहुत मामूली सुधार हुआ है, लेकिन अभी इसे संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है. पीड़िता को अभी तक होश नहीं आया है. 


उन्होंने बताया कि पीड़िता का सीटी स्कैन कराया गया था लेकिन सिर में कोई चोट फिलहाल नजर नहीं आयी है. इसके बावजूद सिर की चोट से इनकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि सिर की बहुत सी चोटें सीटी स्कैन में नजर नहीं आती हैं. पीड़िता की हालत स्थिर है और डाक्टरों की टीम 24 घंटे उसकी निगरानी कर रही है और वह अभी भी वेंटीलेटर पर है. तिवारी ने बताया कि घायल वकील महेंद्र सिंह को कुछ देर के लिए वेंटीलेटर से हटाकर देखा गया था. इस दौरान उनकी तबियत स्थिर रही. बाद में फिर उन्हें वेंटीलेटर पर कर दिया गया.

Unnao rape survivor accident case: Chief Justice of India says,’Probe to be completed within 7 days in the accident case, however, as an exception, CBI can take another week, but in no circumstance shall the probe extend beyond a fortnight.’ CJI says,’We have also considered the question of interim compensation to the victim, as an interim measure we direct the UP government to pay Rs 25 lakh as compensation to the victim. The designated judge in Delhi will commence the trial on day-to-day basis and complete the trial within 45 days.