बागी बलिया का संस्कार था चंद्रशेखर जी में – नरेंद्र मोदी

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नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर पर पुस्तक के विमोचन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं पहली बार 1977 में चंद्रशेखर जी से दिल्ली एयरपोर्ट पर मिला था. उस समय मैं भैरों सिंह शेखावत के साथ यात्रा कर रहा था. दोनों नेताओं की अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराएं थी, पर बावजूद इसके उन्होंने करीबी बंधन का आनंद लिया. मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर पर लिखी किताब का बुधवार को विमोचन किया. राज्यसभा के उपसाभपति हरिवंश और रविदत्त बाजपेयी ने यह पुस्तक लिखी है. इसका शीर्षक, ‘चंद्रशेखरः द लास्ट आइकन ऑफ आइडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स’ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रेशखर को जितना गौरव मिलना चाहिए था, उतना नहीं मिला. पीएम मोदी ने पूर्व पीएम चंद्रशेखर की छवि खराब करने की कोशिश की गई. पीएम मोदी ने कहा कि आज छोटा-मोटा कोई नेता भी 10-12 किमी की पदयात्रा करेगा, तो 24 घंटे खबरों में बना रहेगा. पीएम मोदी ने कहा, चंद्रेशखर जी ने चुनाव के दौरान नहीं, बल्कि उन्होंने गांव, गरीब, किसान को ध्यान में रखकर पदयात्रा की. लेकिन देश ने उन्हें जो गौरव देना चाहिए था, वो नहीं दिया. पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रशेखर जी के विचारों को लेकर किसी को भी एतराज हो सकता है. लेकिन जान बूझकर और सोची समझी रणनीति के तहत चंद्रशेखर जी की यात्रा को डोनेशन, करप्शन, पूंजीपतियों के पैसे, इस सभी के इर्द-गिर्द रखा. ये सब हमें अखरता है.
पीएम मोदी ने कहा कि देश की सेवा करने वाले सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए दिल्ली में एक आधुनिक संग्रहालय (म्यूजियम) बनाया जाएगा. मैं पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन के पहलुओं को साझा करने के लिए उनके परिवार के सदस्यों को आमंत्रित करूंगा, चाहे वह आईके गुजराल जी, चरण सिंह जी, देवेगौड़ा जी और डॉ. मनमोहन सिंह जी हों.

चंद्रशेखर जी अटल जी को हमेशा गुरु जी कहकर बुलाते थे और सदन में भी अगर बोलते थे, तो पहले अटल जी से कहते थे कि गुरु जी मुझे माफ़ करिए, मैं आज जरा आपकी आलोचना करूंगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘जिस समय कांग्रेस का सितारा चमकता होगा, वह कौन सा तत्व होगा, इस इंसान के अंदर, वो कौन सी प्रेरणा होगी कि इसने बगावत का रास्ता चुन लिया. शायद बागी बलिया के संस्कार होंगे, शायद बलिया की मिट्टी में आज भी वो सुगंध होगी.

PM Narendra Modi releases book “Chandrashekhar: The Last Icon of Ideological Politics” on former PM Chandra Shekhar in NEW DELHI. It has been 12 years since he passed away but the thoughts of Chandra Shekhar Ji continue to guide us. They are as vibrant today as they were earlier. I had first met Chandra Shekhar Ji back in 1977. I also recall the time when I met him at Delhi airport. I was travelling with Bhairon Singh Shekhawat Ji. The two stalwarts enjoyed a very close bond despite having different political ideologies: PM Narendra Modi