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बांसडीह (बलिया)। विधान सभा क्षेत्र के घोघा स्थित सैदनाथ शिवमंदिर प्रांगण में अति पिछड़ा-अति दलित कार्यकर्ता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री व भासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि वोट के लिए नेता हमें हिन्दू बनाते हैं. नौकरी की बात आने पर भर, मल्लाह, बिन्द, कोहार में बांट देते हैं. इनसे सावधान रहने की जरुरत है. अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट हैं कि भाजपा वाले दंगा कराने वाले हैं, इनसे सावधान रहना. भाजपा के बहकावे में गए तो जान से हाथ धोना पड़ेगा. मुख्यमंत्री को बैकुंठ जाने की चिंता सता रही है और हमें गरीबों की.
कार्यकर्ताओं से नारा लगवाया कि ‘आरक्षण में बंटवारा ना भइल त समझ भाजपा गइल’, ‘प्रदेश में शराब बंदी ना भइल त समझ भाजपा गइल’, ‘शिक्षा में सुधार ना भइल त भाजपा गइल’. कहा कि नेता पार्टियों का गठबंधन कर रहे हैं और मैं जातियों का गठबंधन करने जा रहा हूं. हर-हर मोदी, घर-घर मोदी का नारा लगवा कर भाजपा ठगने का काम कर रही है. प्रदेश सरकार कुंभ के नाम पर भारी भरकम राशि खर्च करती है. लेकिन उसे गरीबों के लिए राशन, आवास, शौचालय व पेंशन की चिंता नहीं है. वोट देने वाले गरीब सवर्ण को आरक्षण देने के लिए 24 घंटे में कानून बना दिया. लेकिन 16 वर्षो से कमजोर पिछड़ों व दलितों को उनका हक दिलाने की आवाज को प्रदेश सरकार दबाने का काम कर रही है. कुंभ में बाबा लोग चीलम खींचें तो सही, लेकिन गरीब रिक्शा वाला खरीदे तो अपराध.
बोले मुख्यमंत्री को बैकुंठ की चिंता, नारा लगवाया ‘आरक्षण में बंटवारा ना भइल त समझ भाजपा गइल’, ‘प्रदेश में शराब बंदी ना भइल त समझ भाजपा गइल’, ‘शिक्षा में सुधार ना भइल त भाजपा गइल’
कहा कि मोदी सरकार का सबका साथ-सबका विकास का नारा बेकार साबित हो रहा है. आरक्षण में बंटवारा के बगैर गरीब का बेटा सिपाही या अफसर नहीं बन सकता. मंत्री ने कहा कि चुनाव का मौसम है. ये बहुरुपिए भेष बदल कर फिर आएंगे. विधान सभा में मौजूद जनप्रतिनिधियों में 4 विधायकों को छोड़कर बाकी 399 विधायक गांधी जी बन्दर के समान हैं. जब गरीब अपनी फरियाद लेकर जाता हैं तो ये बन्दर अपनी जुबान, आंख और कान बंद कर लेता है. प्रदेश प्रवक्ता व मंत्री प्रतिनिधि सुनील सिंह ने कहा की हमारे नेता के सोच पर आज प्रदेश व देश की सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया हैं. इस मौके पर अमित कुमार सिंह, मानती राजभर, उमापति राजभर, गुड्डू अंसारी, सुनील राजभर, ब्रजेश राजभर, माइकल राजभर, संजय राजभर, ममता राजभर, उमाशंकर यादव, अशोक, बड़ेलाल, राकेश राजभर, शकुंतला राजभर, स्वामी नाथ साहनी आदि मौजूद थे. अध्यक्षता सुग्रीव राजभर व संचालन रजनीश श्रीवास्तव ने किया.