सपा बसपा गठबंधन के बाद सुभासपा का भाजपा पर दबाव के खेल शुरू

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किसी दल को अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं, भाजपा को 60 फीसदी लोगों के समर्थन का भ्रम, हमारी मांग नहीं मानी गई तो सभी 80 सीटों पर हमारे प्रत्याशियों का लड़ना तय: ओमप्रकाश राजभर

बलिया। सूबे में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर अक्सर अपने बयानों से सुर्खियों में रहते आए हैं. आज भाजपा पर एक बार फिर जमकर हमला बोला है. लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले उप्र में सपा व बसपा के बीच गठबंधन के बाद अब भाजपा के सहयोगी दल सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी ने भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है.
बलिया में सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में किसी भी दल में अकेले चुनाव में लड़ने की हिम्मत नहीं है. भाजपा को भी बड़ी गलतफहमी है कि 60 फीसदी लोगों का समर्थन उनके साथ है. हम भी उनको लगातार चेतावनी दे रहे हैं. अगर हमारी मांग पर विचार नहीं किया गया तो हम भी सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार कर देंगे.
सुभासपा अध्यक्ष एवं दिव्यांग जन सशक्तिकरण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि देश अब गठबंधन के दौर से गुजर रहा है. किसी दल में अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है. भाजपा को भी यहां पर सपा-बसपा के गठबंधन को हल्के में नहीं लेना चाहिए. इनका गठबंधन काफी मजबूत गठबंधन है, और यह मजबूती से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि उनके महागठबंधन के साथ होने व चुनाव लड़ने की खबर में कोई सच्चाई नहीं है तथा यह अफवाह है.
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के प्रदर्शन पर उन्होंने तंज करते हुए कहा कि भाजपा को ऐसा लगता है कि सूबे में उसकी लहर चल रही है. भाजपा को गलतफहमी हो गई है कि उसे 60 फीसदी लोगों का समर्थन हासिल है. उनको इसकी गलतफहमी का परिणाम गोरखपुर, फूलपुर, कैराना व नूरपुर में भाजपा को मिल चुका है. भाजपा से रिश्तों पर उन्होंने कहा कि उनकी अभी तक भाजपा के किसी भी नेता से गठबंधन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है और न ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उनसे संपर्क व बातचीत किए है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा को गठबंधन बनाये रखना है तो पिछड़े वर्ग को तीन हिस्से में विभाजित करने की उनकी मांग को अमलीजामा पहनाना पड़ेगा. अब यह भाजपा पर निर्भर करता है कि उसे उनके दल को साथ रखना है अथवा नहीं. उन्होंने इसके साथ ही जोड़ा कि भाजपा यदि उनके तय समय सौ दिन के अंदर पिछड़े वर्ग को तीन हिस्से में विभाजित नहीं करती है तो वह चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही प्रदेश की सभी 80 सीट पर अपने उम्मीदवार घोषित कर देंगे. पिछड़े वर्ग के आरक्षण में वर्गीकरण की उनकी मांग को अगर अमली जामा नहीं पहनाया गया, तो वह गठबंधन से अलग हो जाएंगे. उन्होंने कहा है कि भाजपा से गठबंधन टूटने पर कांग्रेस से गठबंधन का विकल्प खुला हुआ है.