पीस कमेटी की बैठक में शांति व सौहार्द्र बनाने पर हुई चर्चा

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बलिया। गड़वार थाना क्षेत्र के रतसर कस्बे में दो पक्षों में हुए विवाद के बाद शांति व सौहार्द्र स्थापित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट सुरेंद्र विक्रम व एसपी अनिल कुमार ने स्थानीय पीस कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक की. जिलाधिकारी ने कहा कि कस्बे में शांति व्यवस्था बनाने के लिए हम सब मिलकर प्रयासरत रहें. किसी अफवाहों पर ध्यान देने की अपील सबसे करें. किसी भी दशा में कस्बे का सौहार्द्र बना रहे.

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि यह घटना अत्यंत ही निन्दनीय है. इसमें जिन उपद्रवी तत्वों ने तोड़फोड़ व आगजनी की है, वीडियो क्लीप या फोटो के सहयोग से उनमें अधिकांश की गिरफ्तारी की जा चुकी है. अभी भी दबिश दी जा रही हैं. ऐसे अराजक तत्वों से प्रशासन सख्ती से निपटेगा. इस निन्दनीय घटना के पीछे जो दोषी पाये जाएंगे उनके घरों की कुर्की भी होगी. इस घटना से रतसर कस्बे के साथ पूरे जनपद की क्षवि व सौहार्द्र खराब हुआ है. ऐसे में उपद्रवियों को इस कदर सबक सिखाया जाएगा, जिससे उनके परिवार वाले व माता-पिता भी शर्मिदगी महसूस करेंगे. जिलाधिकारी ने एक बार फिर साफ किया कि इस तरह उपद्रव करने वालों पर गैंगेस्टर व एनएसए कानून के तहत कार्रवाई होगी. जिलाधिकारी ने पीस कमेटी के समस्त सदस्यों से कहा कि अब कस्बे में पूरी तरह शांति है. कुछ दुकानदार किसी डर या भय से दुकान नही खोल रहे हैं, ऐसे लोगों के मन से भय निकालने में सहयोग करें.

ज्ञात रहे कि रतसर कस्बे में 10 अक्टूबर को रात करीब 8 बजे अरविंद राजभर अपनी मां को डाॅक्टर से दिखाकर घर वापस आ रहा था, तभी पंचायत भवन के पास रानू उर्फ इफ्तेखार खां पुत्र नन्हे खां की बाईक से टक्कर हो गयी. इसमें अरविंद राजभर को चोट आ गयी थी. इसके बाद हुए विवाद को शांत करा दिया गया था. अरविंद के पिता लक्ष्मण राजभर की तहरीर पर गड़वार थाने में मुकदमा पंजीकृत कर नामजद रानू उर्फ इफ्तेखार खां को गिरफ्तार किया गया.

 

घटना साम्प्रदायिक नहीं है : जिलाधिकारी
जिला मजिस्ट्रेट सुरेंद्र विक्रम ने स्पष्ट किया है कि गड़वार थाना क्षेत्र के रतसर कस्बे की घटना साम्प्रदायिक नहीं बल्कि दो पक्षों का विवाद है. राजभर समाज व मुस्लिम परिवार के बीच का विवाद था. जिसे शांत करा दिया गया है. इस घटना से किसी अन्य हिन्दू वर्ग का कोई सम्बन्ध नहीं है, और न ही यह घटना किसी योजनाबद्ध तरीके से की गयी है.
घटना की होगी मजिस्ट्रेटी जांच
जिला मजिस्ट्रेट ने रतसर कस्बे में हुई घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिये हैं. इस जांच की जिम्मेदारी उप जिला मजिस्ट्रेट सदर निखिल टीकाराम फुंडे को दी गयी है. जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जांच के दौरान दुकानदारों से पूछताछ की कार्रवाई करते हुए कस्बे में किसकी कितनी क्षति हुई हैं, इसका भी आकलन करेंगे. जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये हैं कि आगजनी में जिन दुकानों की क्षति हुई है, उस दुकान का श्रम कानून में पंजीकरण के कागज व बीमा सम्बन्धी कागजात लेकर बीमा कम्पनी द्वारा राहत दिलाने का प्रयास होगा.
सोशल मीडिया पर गहरी नजर

 रतसर कस्बे में हुए विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर कोई अफवाह न फैलाये, इसको लेकर भी पुलिस प्रशासन सतर्क है. फेसबुक, व्हाट्सअप व ट्वीटर के माध्यम से अफवाह फैलाने वालों कई पर आईटी एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज किया गया है. ऐसे लोगों से भी प्रशासन सख्ती से निपटेगा. उन्होंने सबसे विशेषकर युवाओं से अपील की है कि फेसबुक, व्हाट्सअप या ट्वीटर आदि पर कोई भी भड़काऊ संदेश न डालें. 

थानाध्यक्ष की भूमिका की होगी जांच
 जिला मजिस्ट्रेट सुरेंद्र विक्रम ने स्पष्ट किया है कि रतसर कस्बे में हुए विवाद में प्रथम दृष्टया जिनकी लापरवाही मिलेगी, उन पर भी कड़ी कार्रवाई होगी. इसी क्रम में चैर्की इंचार्ज सुरेंद्रनाथ सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. जिलाधिकारी ने कहा कि इस विवाद को लेकर थानाध्यक्ष की भूमिका की भी जांच होगी. चेताया है कि अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने वाले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी.
सबसे शांति व सौहार्द्र बनाने की अपील
जिलाधिकारी ने रतसर कस्बे की जनता के साथ समस्त जनपदवासियों से अपील किया है कि शांति व सौहार्द्र बनाने में सहयोग करें. ऐसे उपद्रवी व अराजक तत्व, जिनके कुकृत्य से पूरा जनपद बदनाम हो रहा, के चिन्हांकन में सहयोग करें और उनको हतोत्साहित करने का प्रयास करें.