जनता ने हमें जिताया. यह मेरे ऊपर ऋण है – सुरेंद्र नाथ सिंह

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बैरिया (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र

363 बैरिया विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुरेंद्रनाथ सिंह की जीत हुई. वह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा प्रत्याशी व विधायक जयप्रकाश अंचल को 17,077 मतों के अंतर से पराजित किए. विधानसभा क्षेत्र से भगीरथ प्रयास के बाद अंतिम समय में सुरेंद्रनाथ सिंह को भारतीय जनता पार्टी शीर्ष नेतृत्व में प्रत्याशी घोषित किया था, नतीजतन अपने प्रचार के लिए बहुत ही कम समय मिला था, लेकिन हमेशा जनता के बीच रहना और उनके संघर्षों में हिस्सा लेने का सिला बैरिया विधानसभा की जनता ने उन्हें दिल खोलकर दिया.

सुरेंद्रनाथ सिंह को कुल 64,868 मत मिले, वहीं दूसरे स्थान पर रहे तथा 5 साल तक बैरिया विधान सभा क्षेत्र से सपा विधायक रहे जयप्रकाश अंचल को 47,791 मत ही प्राप्त हुए. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में जय प्रकाश अंचल को 46,000 से कुछ अधिक मत मिले थे. तब वह बैरिया विधानसभा क्षेत्र में पहली बार समाजवादी पार्टी का परचम लहराने में सफल हुए थे. लेकिन इस 5 साल के बीच में उनके मतों में कोई खास इजाफा नहीं हुआ. बहुजन समाज पार्टी से प्रत्याशी रहे जवाहर प्रसाद वर्मा को मात्र 27,974 मतों पर संतोष करना पड़ा. वहीं जिला पंचायत वार्ड नंबर 5 से सदस्य व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामधीर सिंह की बहू निर्दल प्रत्याशी आशनि सिंह को 6,122 मत प्राप्त हुए. इसी विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी से टिकट न मिलने पर बाग़ी प्रत्याशी के तौर पर सपा के पूर्व जिला महासचिव मनोज सिंह ताल ठोका था. यद्यपि कि यह विधानसभा क्षेत्र में सबसे चर्चित प्रत्याशी रहे, लेकिन जनता ने इन्हें नकारते हुए 5,946 मत ही दिए.

सुबह सुबह मतगणना शुरू होते ही बैरिया विधान सभा के लोग रेडियो, टीवी, वॉट्सऐप, फेसबुक आदि से चिपक गए. लोग पल-पल की जानकारी हासिल करने में तब तक जुटे रहें, जब तक की परिणाम की घोषणा नहीं हो गई. जैसा की पहले भी यह बताया जाता रहा कि अब मतदाता पहले जैसे नहीं रहे, अब वह सचेत व सतर्क हो गए हैं. बैरिया विधानसभा क्षेत्र में जातिवाद की लहर को तूफान बनाने का भरसक प्रयास चला. लेकिन ऐसे लोगों के लिए परिणाम निराशाजनक ही रहा.

परिणाम आने के बाद आम जनमानस की यही प्रक्रिया रही कि जातीयता के आधार पर या किसी एक जाति की राजनीति करके कोई चुनाव नहीं जीत सकता. सबको साथ लेकर और सब के बीच रहकर ही राजनीति करने वाला सफल होगा. मतदान के बाद कयास तो लगाए जा रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी की जीत होगी, लेकिन हार जीत का अंतर इतना ज्यादा होगा इसका अनुमान लोगों को नहीं था. इतने लंबे अंतराल के पीछे सुरेंद्रनाथ सिंह को जनता के बीच रहकर जनता की लड़ाई में कंधा से कंधा मिलाकर चलने का उपहार यहां की जनता ने दिया है. ऐसा यहां के लोगों का कहना है.

उधर अपनी जीत पर सुरेंद्रनाथ सिंह का कहना था यह हमारी जीत नहीं, बैरिया विधानसभा क्षेत्र के जन जन की जीत है. हम यह नहीं मानते कि लोग किसी भी सामाजिक व्यक्ति के सेवा का प्रतिफल नहीं देते. मुझ जैसे गरीब आदमी को भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया और यहां की जनता ने हमें जिताया. यह मेरे ऊपर ऋण है. पूरी निष्ठा ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ बैरिया विधानसभा क्षेत्र में काम करके ही मैं इस ऋण का भार अंतिम सांस तक उतारने का प्रयास करुंगा.