विक्रमादित्य का ड्रीम प्रोजेक्ट होने का अभिशाप

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[नगवा से कृष्णकांत पाठक]

pathak_50देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी या फिर पहले शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवा में उनके नाम पर एक महिला महाविद्यालय बीते दस साल से बस बन ही रहा है. कब तक बन जाएगा? इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है. 8 अप्रैल 2005 को अमर शहीद के बलिदान दिवस के मौके पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इस महाविद्यालय को बनाने की घोषणा की थी. लगे हाथ उन्होंने इसके लिए धन भी मुक्त करवा दिया. तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कला, विज्ञान व वाणिज्य की स्नातक शिक्षा के मान्यता भी प्रदान करवा दी. राजकीय महाविद्यालय के निर्माण के लिए कार्यदाई संस्था के रूप में राजकीय निर्माण निगम को चुना गया. राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के किनारे इसके निर्माण के लिए 8 एकड़ जमीन भी किराए पर ली गई. महाविद्यालय बनकर तैयार होने तक पठन पाठन की व्यवस्था शहीद मंगल पांडेय स्मारक में बने एक कमरे में की गई. अब तक अनगिनत लड़कियां यहां से डिग्री लेकर चली गईं, मगर बीरबल की खिचड़ी की तरह कालेज बन ही रहा है.

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विक्रमादित्य पांडेय का ड्रीम प्रोजेक्ट था यह महाविद्यालय
प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री व बलिया सदर विधायक रहे विक्रमादित्य पांडेय का ड्रीम प्रोजेक्ट था राजकीय महिला महाविद्यालय. उनके अथक प्रयास से तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने राजकीय महिला महाविद्यालय की स्थापना के लिए सारी जरूरी कार्रवाइयां पूरी की थी. आज भी इस इलाके को लोग इस प्रोजक्ट के लिए विक्रमादित्य को न सिर्फ याद करते हैं, बल्कि कृतज्ञता जाहिर करते हैं. कहा तो यहां तक जा रहा है कि चूंकि यह कॉलेज विक्रमादित्य का ड्रीम प्रोजेक्ट था, इसलिए साजिशन विलम्ब किया जा रहा है.

सारी हदें लांघ चुका है राजकीय निर्माण निगम
शहीद मंगल पांडेय राजकीय महिला महाविद्यालय के लिए संपूर्ण धनराशि राजकीय निर्माण निगम के पक्ष में जारी किया जा चुका है. मगर आश्चर्य है कि सपा सुप्रीमो के पुत्र अखिलेश यादव के भी राज में इस निर्माणाधीन महाविद्यालय का कोई पुरसाहाल नहीं है. अभी तक तो इस महाविद्यालय की बाउंड्री तक पूरी तरह से नहीं खड़ी की जा सकी है. संबंधित अवर अभियंता का कहना है कि महाविद्यालय की जमीन जिला प्रशासन द्वारा पैमाइश ना होने के कारण बाउंड्री तैयार नहीं की जा सकी है. लगभग तैयार भवन में जलापूर्ति, जल निकासी, लैब, खिड़कियों पर शीशे, विद्युतीकरण, रोड निर्माण सरीखे काम अब भी अधूरे हैं. बताया जाता है कि अवर अभियंता अपने लोगों से काम करवाना चाहते हैं. इसलिए हीलाहवाली कर रहे हैं.

पचास लाख से ऊपर का प्रोजेक्ट है महाविद्यालय
जिला प्रशासन के 50 लाख से ऊपर की योजनाओं में शहीद मंगल पांडेय राजकीय महिला महाविद्यालय भी शामिल है. निर्माणाधीन इस महाविद्यालय का निरीक्षण समय-समय पर मंडलायुक्त तो करते हैं, परंतु जिलाधिकारियों को इस महाविद्यालय को देखने के लिए फुर्सत नहीं मिली. अगर जिलाधिकारियों द्वारा मुस्तैदी दिखाई गई होती तो यह हस्र नहीं होता.

सड़ रहा है लाखों का सामान
राजकीय महाविद्यालय को एक दशक में प्राप्त फर्नीचर एवं विज्ञान प्रयोगशाला से संबंधित उपकरण खराब हो रहे हैं. पीने के पानी के रखरखाव की कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं है. राजकीय महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. चंदन साहू का कहना है कि जब तक भवन पूरी तरह तैयार होकर उन्हें मुहैया करवाया नहीं जाएगा, महाविद्यालय को व्यवस्थित ढंग से चलाना संभव नहीं है. इसके लिए संबंधित अधिकारियों से उन्होंने कई बार गुजारिश की, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. क्षेत्रीय नागरिकों में इस बात को लेकर क्षोभ है. शहीद मंगल पांडेय इंटर कालेज नगवा के प्रबंधक डॉ. बृकेश कुमार पाठक का कहना है कि निर्माण निगम की लापरवाही को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से शीघ्र मिलेगा.