मन की सरलता वाले व्यक्ति ही भगवान को अधिक प्रिय होते हैं. भगवान का भजन उसी व्यक्ति को फलदायी होते हैं, जिसका मन छल और कपट से रहित होता है. ऐसे व्यक्ति भगवन्न नाम संकीर्तन से असंभव से असंभव कार्यों की सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं.
श्री श्री 1008 श्री स्वामी खपड़िया बाबाजी महराज के 32 वे निर्वाण दिवस पर भव्य आध्यात्मिक आयोजन करने के लिए उनके आश्रम प्रांगण में एक बैठक परम पूज्य स्वामी हरिहरानंद जी महाराज की कृपापूर्ण उपस्थिति में संपन्न हुई.