जीवित्पुत्रिका व्रत 29 सितंबर को, इस व्रत का महत्व और कथा

लहसनी निवासी वैदिक विद्वान पं दुर्गेश पांडेय के मुताबिक इस बार जीवित्पुत्रिका का व्रत 28 सितंबर से शुरू होगा जो 30 सितंबर चक चलेगा. माताएं 29 सितम्बर को व्रत रखेंगी.

जीवित्पुत्रिका व्रतः तीज बीतते शुरू हो गईल जीउतिया के तेयारी

जीवित्पुत्रिका या जितिया पर्व बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाए जाने वाले पर्वों में से एक है. जिसे अपनी संतान की मंगलकामना के लिए मनाया जाता है.

युधिष्ठिर ने भी अनंत भगवान का व्रत किया, जिसके प्रभाव से पांडव महाभारत के युद्ध में विजयी हुए

भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का व्रत किया जाता है. इस दिन अनंत के रूप में हरि की पूजा होती है. पुरुष दाएं तथा स्त्रियां बाएं हाथ में अनंत धारण करती हैं. अनंत राखी के समान रूई या रेशम के कुंकू रंग में रंगे धागे होते हैं और उनमें चौदह गांठें होती हैं.

जीवित्पुत्रिका व्रतः तीज बीतते शुरू हो गईल जीउतिया के तेयारी

पूर्वांचल (पूर्वी उत्तर प्रदेश) और बिहार के ज्यादातर इलाकों में जिउतिया (जितिया) मनाया जाता है. “जितिया पावैन” एक अपभ्रंश है. इसका सही नाम होता है जीविकपुत्रिका व्रत (जीवित्पुत्रिका व्रत).