9 व 23 जुलाई को विशेष अभियान, कराएं मतदाता सूची में नामांकन व संशोधन

मजबूत लोकतंत्र में सबकी भागीदारी के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सभी अर्ह मतदाताओं का नाम निर्वाचक नामावली में शामिल कराने तथा अपात्र मतदाताओं का नाम अपमार्जित कराया जा रहा है.

अब 13 जून को होगा निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन

नगर निकाय निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण कार्य की समय सारणी बदल गई है. अब अंतिम रूप से तैयार निर्वाचन नामावली का जनसामान्य के लिए प्रकाशन 13 जून को होगा.

निर्वाचक नामावलियों का प्रकाशन अब 12 जनवरी को

जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने बताया है कि अर्हता दिनांक 01 जनवरी, 2017 के आधार पर निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षित पुनरीक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों का अन्तिम प्रकाशन 05 जनवरी के स्थान पर अब 12 जनवरी, 2017 को होगा.

मण्डलायुक्त ने की मतदाता पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा

मण्डलायुक्त नीलम अहलावत ने मतदाता पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा की. उन्होंने सभी उपजिलाधिकारियों से तहसीलवार दावे व आपत्तियों की विधिवत जानकारी ली.

आजमगढ़ कमिश्नर नीलम अहलावत आज बलिया में

मण्डलायुक्त नीलम अहलावत का जनपद में आगमन 05 दिसम्बर को होगा. वे सोमवार को 11 बजे से मतदाता सूची पुनरीक्षण एवं प्राप्त दावों एवं आपत्तियों की समीक्षा करेंगी. दोपहर एक बजे स्टेडियम में मण्डलीय खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन करेंगी.

डीएम ने दर्जनभर बूथों का किया औचक निरीक्षण

जिला निर्वाचन अधिकारी गोविंद राजू एनएस ने रविवार को दर्जन भर बूथों पर औचक निरीक्षण किया. कुछ बूथों पर बीएलओ की अनुपस्थिति पर घोर नाराजगी जताई. सचेत करते हुए कहा कि हर पात्र मतदाता को जोड़़ने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है. लिहाजा इसमें थोड़ी भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

22 व 23 को चलेगा मतदाता सूची शुद्धिकरण अभियान

विधान सभा फोटोयुक्त निर्वाचक नामावलियों का विषेश संक्षिप्त पुनरीक्षण अर्हता दिनांक 01 जनवरी, 2017 के आधार पर किया जा रहा है.

घट रही हैं बलिया में महिलाएं!

2017 में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के मतदाता सूची को दुरुस्त करने में युद्धस्तर पर जुटा हुआ है. निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों की सबसे बड़ी चिंता एपिक और जेंडर लिंगानुपात में भारी अंतर को लेकर है. एपिक संवाद 7 फ़ीसदी ही होना चाहिए, जबकि यह अंतर बलिया में बहुत ज्यादा है. कहीं-कहीं तो यह अनुपात 80 से 90 फीसदी तक भी है. उसी तरह लिंगानुपात में भारी अंतर देखने को मिल रहा है. एक हजार पुरुष पर महिला मतदाताओं की संख्या कम से कम 930 होनी चाहिए, जबकि वर्तमान में यह संख्या 810 या इससे भी कम है.