जहां भाव है वहीं परमपिता भगवान का निवास : वैकुण्ठ स्वामी

ईश्वर के चरणों में सच्चा भाव पैदा करने के लिए सत्संग का सहारा लेना चाहिए. वैकुण्ठ स्वामी ने कहा कि बिना सत्संग के विवेक नहीं होता.