आखिर किसने छीन ली उनकी खुशी

तटवर्ती गांवों के लोगों की आंखों के सामने उनके आशियाने ध्वस्त होते रहे, खून-पसीने से उपजायी फसलें उनकी आंखों के सामने पानी में डूबती रहीं.