गांव की गलियों से सिमट कर अब कमरों में बंद हो गई होली

होली यानि फागुन मस्‍ती का त्‍योहार है. रंग की पहली याद गांव से ही शुरू होती है. बहुत दिन नहीं हुए, अभी एक दशक पहले तक गांव के सभी बुर्जुग, यूवा घर-घर जाकर फाग गाते थे.