The District Magistrate inspected the major temples of the urban area and the temples with sacred significance and took stock of the arrangements there.

हनुमानगढ़ी मंदिर में राज्यसभा सांसद और जिलाधिकारी की उपस्थिति में अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का दिखाया गया लाइव प्रसारण

हनुमानगढ़ी मंदिर में राज्यसभा सांसद और जिलाधिकारी की उपस्थिति में अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का दिखाया गया लाइव प्रसारण

Grand Kalash March from Gayatri Shaktipeeth for Yajna

गायत्री शक्तिपीठ से 108 कुंडीय महायज्ञ के लिए निकली भव्य कलश यात्रा

नगर में कई स्थानों पर कलश यात्रा में शामिल श्रद्धालु जनों पर पुष्प वर्षा भी की गई. कलश यात्रा में शामिल श्रद्धालु जनों के श्रीमुख से उच्चारित गायत्री मंत्र ने भृगु नगरी को गायत्रीमय कर दिया.

आज आधी रात के बाद आस्था की लगेगी डुबकी

16 सेक्टर में बंटा ददरी मेला व स्नान क्षेत्र
 भृगु मुनि के शिष्य दर्दर मुनि के नाम पर लगने वाले ऐतिहासिक ददरी मेला तथा कार्तिक पूर्णिमा स्नान के मद्देनजर 16 सेक्टर और सात जोन में विभाजित किया गया है.

निःशुल्क चिकित्सा मेला में 1104 मरीजों का हुआ इलाज

जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेश गोड ने कहा कि आम लोगों तक होम्योपैथिक चिकित्सा का इलाज आसानी से पहुंच सके इसके लिए समय-समय पर निःशुल्क चिकित्सा मेला का आयोजन आगे भी समय-समय पर होता रहेगा.

बलिया के ऐतिहासिक भृगु मन्दिर को दिया जाएगा भव्य रूप, सौंदर्यीकरण कार्य का शुभारंभ

नगर में स्थित भृगु मन्दिर के 48.81 लाख की लागत से होने वाले सौन्दर्यीकरण कार्य का शुभारंभ संसदीय कार्य व ग्राम्य विकास राज्यमंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने किया

भृगु मंदिर से निकली परिक्रमा यात्रा का बलिया में हुआ भव्य स्वागत

संतों एवं वैदिक प्रभात फाउण्डेशन स्वामी बद्री विशाल जी के नेतृत्व में गाजे-बाजे के साथ भृगु मंदिर से निकली यात्रा को नगरवासियों ने नजरों में बसाया.

पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति ने बैठक कर चेतावनी दी

अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति की बैठक प्रान्तीय संरक्षक एसएस शर्मा की अध्यक्षता में भृगु मंदिर के प्रांगण में सम्पन्न हुई, जिसमें पूर्वांचल प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों ने भाग लिया.

भृगु क्षेत्र में स्नान से मिलती है भुक्ति और मुक्ति

मनुष्य एक विचारवान प्राणी है. यह एक ओर जहां अपनी सांसारिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सचेष्ट और प्रयत्न शील रहता है, वहीं दूसरी ओर अपनी मुक्ति के लिए भी आतुर और चिंतित रहता है. ऋषि-महर्षियों चिंतकों मनीषियों और धर्म धुरंधरों ने मानव की इसी चित्त-वृत्ति को देखते हुए लोकमंगल की भावना से समय समय और स्थान स्थान पर मुक्ति के साधन और स्थल को भी रेखांकित किया है.