संसार को महर्षि भृगु का ऋणी माना गया है, क्योंकि सर्वप्रथम उन्होंने ही अग्नि का परिचय करवाया था. ऋगवेद में कहा गया है कि उन्होंने मातरिश्वन से अग्नि ली, फिर धरा पर लेकर आए. अग्नि से परिचय कराने वाले जिस महाज्ञानी पुरोहित की महिमा पारसी करते हैं, उसका भी सम्बन्ध महर्षि भृगु से ही जुड़ता है.