रामकथा में हनुमान जन्म की कथा सुनकर भाव विभोर हुये लोग

राजा दशरथ के पुत्रेष्टि यज्ञ करने के बाद जब तीनों रानियों के बीच खीर का वितरण होने लगा तो एक गिद्ध ने कैकेई के हिस्से के खीर से कुछ अंश झपट लिया और उड़ गई.

यज्ञ मंडप की परिक्रमा और प्रवचन से विभोर हैं श्रद्धालू

कस्बे के बुढ़वा शिवजी मंदिर पर आयोजित महारुद्र यज्ञ में यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने वालों की भीड़ सुबह से शाम तक लगी रहती है.

यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने शुभनथहीं पहुंचे श्रद्धालु

यज्ञ मण्डप की परिक्रमा करने अनेक गांवों से श्रद्धालु नर-नारी यज्ञशाला पहुंचे. विद्वान ब्राह्मणों के वैदिक मंत्रोच्चार से दिशाएं गूंज रही है.

पंचकोशी परिक्रमा करते तीसरे पड़ाव भभुअर में पहुंचे

बक्सर जिले में आयोजित पंचकोशी परिक्रमा मेले का तीसरा पड़ाव भभुअर में था. यहां भग्र्वेश्वर महादेव की पूजा अर्चना कर श्रद्धालुओं ने चूड़ा-दही का प्रसाद ग्रहण किया. पंचकोशी परिक्रमा समिति ने यहां श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की व्यवस्था की थी. रात को ठहरने वालों के लिए टेंट आदि का इंतजाम भी किया है.

नदांव पहुंची पंचकोशी परिक्रमा, नर्वदेश्वर महादेव का जलाभिषेक

पंचकोशी परिक्रमा यात्रा के दूसरे दिन बक्सर जनपद के नदांव पहुंची. इसके लिए स्थानीय ग्रामीणों ने अपने स्तर से पूरी तैयारी की थी. गांव में साफ-सफाई और नर्वदेश्वर महादेव मंदिर को भी चकाचक किया गया था. यहां मेलार्थियों ने नारद सरोवर में स्नान किया और नर्वदेश्वर मंदिर में जलाभिषेक भी किया.

बक्सर का लिट्टी चोखा मेला कल से

पंचकोशी परिक्रमा सह पंचकोश मेला इस माह की उन्नीस तारीख से प्रारंभ हो रहा है. जिसका शुभारंभ शनिवार को अहिरौली से होगा. विश्व विख्यात बक्सर के इस मेले को लोग लिट्टी-चोखा मेला के नाम से जानते हैं. यह मेला अब बक्सर जिले की पहचान बन चुका है. अन्य प्रदेशों और जिलों में बसे लोग इस तिथि को हर दम याद रखते हैं.

भृगु मंदिर से पंचकोषी परिक्रमा शुरू

मनुष्य का शरीर पंच कोष से निर्मित होता है. कलियुग में प्राण अन्नमय कोष में निवास करता है. इन पांच कोषों से आत्मा अलग है, जिसका साक्षात्कार ही मोक्ष है. इस गुह्य तथ्य की प्राप्ति के लिए ही हमारे ऋषियों ने अनेक मार्ग का प्रतिपादन किया था.