‘औरत की मर्ज़ी’ के जरिए महिलाओं की पसंद को सशक्त बनाने का संदेश

प्रचलित सामाजिक मानदंडों के तहत महिलाओं के पास प्रजनन निर्णय नहीं होते हैं. परिवार और समाज के भीतर रवैये में बदलाव महिलाओं के फैसलों में समान महत्व देगा.

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यह कार्यक्रम राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन का एक फ्लैगशीप कार्यक्रम बन चुका है. इसे 13 भारतीय भाषाओं में डब किया गया है और देश भर के 216 ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन पर भी प्रसारित किया जा रहा है. इस बार, आरईसी फाउंडेशन व बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने पापुलेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया का समर्थन किया है.

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खबर ये भी है कि दूरदर्शन की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए पिछले दिनों प्रसार भारती के एक आला अधिकारी ने मुंबई में कुछ नामचीन प्रोडक्शन हाउस के मुखिया से मुलाकात की थी और उनसे दूरदर्शन के लिए काम करने की बात कही थी.