फेसबुक के कोठार से – केदार जी स्मृतियों में गूंजते रहेंगे – अपनी कविताओं की तरह

केदारजी ने मेरे पिताजी की डायरी ‘जग दर्शन का मेला’ की भूमिका लिखी थी. किताब विश्व पुस्तक मेले में जारी हुई. तब केदारजी कोलकाता में अस्पताल में थे. दिल्ली आकर फिर एम्स.