आत्मीय और जीवंत कथाकार थे अमरकांत

अमरकांत अत्यंत आत्मीय कथाकार, उपन्यासकार थे. उतने ही सहज और पारदर्शी. उनकी रचनाएं दिल को छू कर देर तक दिमाग पर छाई रहती हैं. अमरकांत की अनुपस्थिति से रिक्तता का बोध होना स्वाभाविक है. वे प्रेमचंद की परंपरा के कथाकार थे. उन्होंने उस समय अपनी पहचान बनाई जब नई कहानी आंदोलन जोर पकड़ चुका था.