Category: VIRAL न्यूज़
विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे रामगोविंद चौधरी को बांसडीह में सपा प्रत्याशी के रूप में 81030 मत मिले हैं. बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी मानती को 10755, इंडियन नेशनल कांग्रेस के पुनीत पाठक को 4308, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया के लक्ष्मण को 1971, जन अधिकार पार्टी के दयाशंकर वर्मा को 1120, स्वदेश जनसेवक पार्टी के ममता को 406, आम आदमी पार्टी के सुशांत को 652, लोक जनशक्ति पार्टी के संग्राम सिंह तोमर को 485, निर्दल प्रमोद पासवान को 661, निर्दल विनोद कुमार वर्मा को 493 तथा निर्दल स्वामीनाथ साहनी को 739 मत मिले हैं। 1990 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया.
बेल्थरारोड विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायक हंसू राम ने भरोसा दिलाया कि वह जनता के बीच रहकर उनकी सेवा करेंगे तथा क्षेत्र के विकास के लिए निरन्तर प्रयास करते रहेंगे. कहा कि यहां युवाओं के लिए खेल का मैदान नहीं है. मेरी प्राथमिकता विधानसभा में एक स्टेडियम बनवाने का रहेगा जहां युवा खेल के साथ ही अपनी अन्य तैयारियों के मद्देनजर उसका उपयोग कर सके.
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री नारद राय को 76356 मत मिले. बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी शिवदास प्रसाद वर्मा को 9936 तथा कांग्रेस के ओमप्रकाश तिवारी को 2136, आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अजय पुत्र केदार को 512, स्वदेश जनसेवक पार्टी के अजय पुत्र राजनारायण को 272 , विकासशील इंसान पार्टी के प्रत्याशी जितेंद्र तिवारी को 3857, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रकाश कुमार को 233, ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रत्याशी शमीम खान को 682,वंचित समाज इंसाफ पार्टी के शंकर राम रावत को 234, लोक जनशक्ति पार्टी के सागर सिंह को 344 तथा निर्दलीय प्रत्याशी अर्जुन कुमार को 380, धर्मेंद्र कुमार को 700 तथा रमाशंकर तिवारी को 813 मत मिले हैं. 1048 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया है.
बांसडीह विधानसभा क्षेत्र से विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी 12402 मतों से पीछे हो गए हैं. रामगोविंद चौधरी को 59944 मत मिले जबकि जबकि केतकी सिंह को 72346 मत मिले हैं. रसड़ा विधानसभा क्षेत्र से बसपा के प्रत्याशी उमाशंकर सिंह को 72977 जबकि सुभासपा के महेंद्र चौहान को 68206 मत मिले हैं. बेल्थरारोड से भाजपा के छट्ठू राम को 70492 मत जबकि हंशु राम को 75538 मत मिले हैं. बैरिया से संसदीय कार्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला काफी मतों से पीछे हो गए हैं.
बलिया जिले में सबसे पहले सिकंदरपुर विधान सभा सीट का परिणाम ही घोषित होगा. इस विधान सभा क्षेत्र के कुल 353 ईवीएम की गिनती 26 चक्र में पूरी हो जाएगी. उसके बाद फेफना सीट के 375 ईवीएम की गिनती 27 चक्र में, बैरिया के 399 ईवीएम की गिनती 29 चक्र में , बलिया नगर के 407 ईवीएम की गिनती 30 चक्र में, बेल्थरारोड के 420 ईवीएम की गिनती 30 चक्र में , रसड़ा के 426 ईवीएम की गिनती 31 चक्र में और बांसडीह के 448 ईवीएम की गिनती 32 चक्र में खत्म होगी.
राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाये जाने हेतु विचार विमर्श किया गया. पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण बद्री विशाल पाण्डेय द्वारा बैठक में उपस्थित बीमा कम्पनी के पदाधिकारीगण एवं अधिवक्तागण को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में मोटर दुर्घटना सम्बन्धित मामलों का निस्तारण किये
सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के बस्ती बुजुर्ग निवासी प्रेमचंद गुप्ता पकड़ी थाना क्षेत्र के कम्पोजिट विद्यालय प्रसादपुर में बतौर प्रधानाध्यापक तैनात हैं. रोज की तरह वह मंगलवार की सुबह बाइक से स्कूल जा रहे थे.
प्रसादपुर-गौरी गांव के बीच स्थित बहेरा नाला पुलिया के पास पहले से मौजूद बाइक सवार तीन नकाबपोश बदमाशों ने रोक लिया. बाइक के रुकते ही अपराधियों ने शिक्षक के ऊपर असलहा तान दिया. इसके बाद उनके गले से सोने की चेन, पर्स व मोबाइल को लूट लिया. प्रेमचंद ने जब विरोध करने का प्रयास किया तो लूटेरों ने उनकी पिटाई भी कर दी.
छात्राओं को राष्ट्रीय सेवायोजना की जानकारी देते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य एवं एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ० शिवेंद्रनाथ दुबे ने अपने संबोधन में एनएसएस के मिशन तथा सिद्धांत के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को नि:स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करनी चाहिए तथा समाज में फैली विषमताओं को दूर करना चाहिए.
बालिका के पिता का आरोप है कि मेरी बेटी एक दुकान पर सामान लेने गई थी जहां 50 वर्षीय एक व्यक्ति ने छेड़खानी की. जिसकी सूचना आकर मेरी बेटी अपने भाई को दी. जब मेरा बेटा उलाहना देने उसके यहां गया तो आरोपी गोवर्धन राजभर पुत्र स्वर्गीय कविलास राजभर एवं उसके पुत्र शिवजी राजभर, हरेंद्र राजभर, गुड्डू राजभर , पुत्र गण गोवर्धन राजभर मेरे बेटे को बुरी तरह से मारने लगे.
महिलाएं ही अपने त्याग, समर्पण और परिश्रम से हमारे जीवन में रंग भरती हैं. ऐतिहासिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो ऋग्वेद दौर तक देश में महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त थे, परंतु कालांतर में स्थिति बिगड़ने लगी. कहा कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्तर पर समुचित भागीदारी के बिना महिला सशक्तीकरण का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता.