पत्रकारिता दूध फूंककर पीने की नहीं बल्कि छाछ फूंक कर पीने की चीज हो गई है. आज इस विधा से जुड़े लोगों को पत्रकारिता दिवस पर आत्म चिंतन करने की जरूरत है कि पत्रकारिता बेबाक रहेगी या सत्ता की गुलाम बन कर रह जाएगी. अगर बेबाक रही तो समाज राष्ट्र निर्माण के काम आएगी अगर सत्ता की कठपुतली बनी तो देश और समाज में विघटन पैदा करने का काम करेगी.
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इस मंदिर के विषय में बताया जाता है कि पूर्व मंत्री निर्भय नारायण सिंह के पूर्वजों ने इसका निर्माण कराया था और तब से इस मंदिर की देखरेख उनके परिवार के लोग ही करते हैं. अक्षय तृतीया के दिन यहां उनके परिवार के लोगों द्वारा लोगों को शरबत पिलाया जाता है लोग इस तिथि को शुभ मुहूर्त समझ कर समहुत करते हैं. अक्षय तृतीया के दिन किया गया समहुत अक्षय होता है यानी कि इसका नाश नहीं होता. ऐसा लोगों का मानना है. मंदिर परिसर में लोगों ने त्रिलोकीनाथ भगवान की कथा भी सुनी.
4 फ़रवरी 2014 से विश्वविद्यालय से सटे देवकली गांव में बच्चों के लिए निःशुल्क प्रेरणा कोचिंग निरंतर चल रही है. इस कोचिंग के माध्यम से अब तक 1435 विद्यार्थी लाभान्वित हो चुके है. वर्तमान समय में 1 से 12 तक की कक्षाओं के 135 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे है. विश्वविद्यालय परिसर के विद्यार्थियों का एक समूह इन बच्चों को पढ़ाता है.
किसी भी दिवस को मनाने का प्रमुख उद्देश्य होता है कि उस दिवस के उद्देश्य और मकसद को आम लोगों तक पहुंचाना और उसकी खूबियों से लोगों को जागरूक करना. बौद्धिक संपदा दिवस भी बहुत महत्वपूर्ण दिवस है. इसका मुख्य मकसद अपने अंदर की बौद्धिक संपदा को अपना बनाने के लिए पेटेंट कराना ताकि कोई दूसरा उस पर हक न जता सके. बौद्धिक संपदा का मतलब एक अधिकार जो मस्तिष्क की सृजनात्मकता और एक निश्चित समयावधि तक इसके विशिष्ट दोहन के लिए है.
जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने शनिवार को राजकीय बलिया गृह निधरिया का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान वहां अधीक्षिका के नहीं मिलने और वहां की व्यवस्था को लेकर नाराजगी जताते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी मु.मुमताज को कड़ी फटकार लगाई. चेतावनी देते हुए कहा कि यहां की व्यवस्था पर नजर रखें. अन्यथा लापरवाही मिलने पर कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने वहां बने भोजन को खुद चखकर उसकी गुणवत्ता को परखा और सुधार करने के निर्देश दिए.
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उपराष्ट्रपति के आगमन पर श्रीमती आनंदीबेन पटेल ,राज्यपाल उप्र , रवीन्द्र जायसवाल, माननीय राज्य मंत्री, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन विभाग, सौरभ श्रीवास्तव, विधायक कैण्ट ,वाराणसी, श्रीमती मृदुला जायसवाल, महापौर वाराणसी, दीपक अग्रवाल मंडलायुक्त, वाराणसी, ए0 सतीश गणेश, पुलिस आयुक्त वाराणसी, कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी वाराणसी एवं रामाश्रय पाण्डेय, मण्डल रेल प्रबन्धक, पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी द्वारा पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर भव्य स्वागत किया गया.
जिलाधिकारी ने कहा कि बाबा साहब के बारे में हम लोगों को बचपन से ही पढ़ाया जाता रहा है पर वास्तव में हम लोग बाबा साहब के बारे में बहुत कम जानते हैं। हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तभी मानी जाएगी जब हम उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलेंगे. उन्होंने कहा कि बाबा साहब का जीवन दर्शन हमें सिखाता है कि कैसे एक साधारण व्यक्ति असाधारण प्रतिभा से आगे बढ़ता है और भारत का संविधान लिखता है.
एटीएल के तहत इं० दुर्गेश सिंह को नीति आयोग द्वारा “परिवर्तन के संरक्षक” के रूप में नियुक्त किया गया है. मेंटर ऑफ चेंज युवा नवोन्मेषकों को सलाह देकर और उन्हें 21वीं सदी के महत्वपूर्ण और डिजाइन सोच, सहयोग और नवीनतम तकनीकों के कौशल के साथ सशक्त बनाकर राष्ट्र निर्माण में योगदान करने का एक अवसर है. इं. दुर्गेश सिंह को सम्पूर्ण भारत में परिवर्तन के चुनिंदा शीर्ष अनुकरणीय उपदेशकों में से चुना गया है.
इस बाबत जब विकासखंड दुबहर के प्रगतिशील किसान शशि भूषण पांडे से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हार्वेस्टर मशीन के द्वारा खेतों में गेहूं की कटाई लड़ाई दोनों हो रही है. किसानों के साथ समस्या है कि जब कोई क्रय केंद्र चालू नहीं है तो गेहूं को कहां पहुंचाया जाए. उन्होंने बताया कि मंडी समिति टकरसन क्रय केंद्र पर मैं जब गया तो बताया गया कि अभी तक खरीदारी शुरू नहीं हुई है. उन केंद्रों पर गेहूं क्रय केंद्र का बैनर तथा गेहूं क्रय केंद्र का रेट 2015 रुपये जरूर अंकित है परंतु किसानों से गेहूं की खरीद नहीं की जा रही है.
जन्मोत्सव के पूर्व सुबह में गाजे- बाजे के साथ राम, लक्ष्मण, भरत,शत्रुघ्न चारों भाइयों की मनोहारी झांकी रथ पर सजा कर गाजे-बाजे के साथ पूरे क्षेत्र में घुमाई गई. शोभा यात्रा में सैकड़ों मोटरसाइकिल,घोड़े,ऊंट शोभा बढ़ाने के लिए काफी थे. रास्ते में जगह- जगह लोगों ने फूलों की वृष्टि की. इस दौरान जय श्रीराम के उद्घोष से पूरा इलाका गूंज उठा.