व्हाट्स ऐप पर घूंघट जो दिखा सरकते हुए, गांव से होकर हवाएं भी पहुंची महकते हुए

यह युगल अब तक साठ से ज्यादा बसंत देख चुका है. ये डाक्टर साहब हैं और बगल में वाम अंगी उनकी धर्म पत्नी हैं ” सीता संवारों पीत वाम भागम ” की तर्ज पर बेहद जंच रही हैं. ये उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग से कुछेक साल पहले हीं सेवानिवृत हो चुकी हैं.

असमः बेटे व बहू को डी वोटर करार जेल में ठूंसा, बलिया की छुटकी देवी की सदमे से मौत

यदि गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो शायद तिनसुकिया जिले के दिनेश प्रजापति और उनकी पत्नी तारा देवी को दिवंगत मां के श्राद्ध करने की भी अनुमति नहीं मिली होती.

जब विनय तिवारी व अवध विहारी चौबे की जोड़ी दिखी तो मन टेहूं टेहूं चिल्ला उठा

पीडी इंटर कॉलेज ,गायघाट से फारिग हो सतीश चन्द्र डिग्री कालेज, बलिया में हमने जब दाखिला लिया तो ड्रास्टिक चेंज महसूस हुआ. यहां गायघाट के प्रिंसिपल राम लखन कुंवर के आतंक का कहीं दूर दूर तक नामोनिशां नहीं था.

गांव-जवार के हाल ठीके बा, एने दू बेर आन्हीं-पानी आइल हा, कई ठांवा पथरो परल बा

पावं लागीं मलिकार! रउरा त एकदमे गुलर के फूल हो गइल बानी. ना कवनो पाती आ न कवनो सनेशा. पइसवा बैरी त रउरा के परदेसी बनाइए दिहलस, राउर पातीए पढ़ के संतोष क लीले, बाकिर जब उहो ढेर दिन हो जाला त मन मछरी अइसन मछिआये लागेला. अउरी कुछ होखे भा ना, बाकिर पाती पठावल मत छोड़ेब.

जब नाच में फरमाइशी गीत के लिए दोकटी में होने लगी ताबड़तोड़ फायरिंग

मुरारपट्टी गांव का नाम मुरार बाबा के नाम पर पड़ा था. मुरार बाबा यहां आकर बस गए थे. उन्हीं से आज हमारे गांव की पाठक लोगों की आबादी 300 घर तक पहुंची है. कहने को तो तिवारी लोग भी हैं इस गांव में, लेकिन मुरारपट्टी गांव की पहचान पाठक लोगों के कारण हीं है. मुरारपट्टी से एक फर्लांग की दूरी पर है लालगंज.

निर्भया गैंगरेप केस: सुप्रीम कोर्ट से दोषियों को नहीं मिली राहत, बरकरार रखी गई फांसी की सजा

निर्भया गैंगरेप मामले (निर्भया कांड) में सुप्रीम कोर्ट चार दोषियों में से तीन की पुनर्विचार याचिका पर आज यानी सोमवार 9 जुलाई को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों की याचिका खारिज कर दी है और अब उनकी फांसी की सजा को उम्र कैद में नहीं बदला जाएगा.

क्या देश की सबसे बड़ी त्रासदी है आरक्षण?

क्या देश की सबसे बड़ी त्रासदी है आरक्षण? आरक्षण विरोधियों की माने तो अयोग्य व्यक्ति जब ऊँचे पदो पर पहुँच जाते है तो ना समाज का भला होता है और ना ही देश का और सही बात तो यह है कि आरक्षण जैसी चीजें मूल जरूरतमंदों के पास तक तो पहुँच ही नही पाती. बस कुछ मलाई खाने वाले लोग इसका फायदा उठाते है.

बलिहार के दुलरुआ साहित्यकार कृष्णबिहारी मिश्र को पद्मश्री सम्मान

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संजय सिंह हत्याकांडः साक्ष्य के अभाव में बरी किए गए रामधीर सिंह

कोयला कारोबारी संजय सिंह की हत्या के मामले में जनता मजदूर संघ के अध्यक्ष और सिंह मेंशन से जुड़े रामधीर सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया.

अपने संहतिया से चुहलबाजी में केदारनाथ सिंह लकठो-पटउरा मांगना कभी नहीं भूले

डॉक्टर साहब जब भी गांव आते अपने मित्र रमाशंकर तिवारी के साथ पैदल 4 किमी दूर पैदल चल कर रानीगंज बाजार जरूर आते थे.

रेवती की माटी के लाल डा. शशिकान्त तिवारी होम्यो रत्न से सम्मानित

प्रसिद्ध होमियोपैथी संस्था “होमियो फ्रैंड्स” गोरखपुर द्वारा पड़रौना में रेवती निवासी प्रसिद्ध चिकित्सक डा.शशिकान्त तिवारी को होमियो रत्न से सम्मानित किया गया

स्वर्ण पदक जीत कर घर लौटे बलिया के लाल को बिठाया सिर आंखों पर 

अमेरिका के लास एंजिल्स में सम्पन्न हुए 2017 वर्ड पुलिस एंड फायर गेम्स में स्वर्ण पदक जीते शत्रुघ्न

कोलकाता से बलिया के लिए चला युवक जहरखुरानी का शिकार

थाना क्षेत्र के बबुआपुर कठही निवासी बृजेश खरवार (28) पुत्र सूर्यनाथ खरवार कोलकाता में किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है. अपने दफ्तर से छुट्टी लेकर वह गांव बबुआपुर आने के लिए मंगलवार को हावड़ा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के लिए पहुंचा.