मरीज की मौत के बाद नर्सिंग होम संचालक फरार

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

रतसर (बलिया)। गड़वार थाना क्षेत्र स्थानीय कस्बा के ईदगाह के पास स्थित एक नर्सिंग होम में बच्चेदानी के आपरेशन के छह दिन बाद शनिवार को तड़के महिला की मौत हो गई. इस बात से गुस्साये लोगों ने मुआवजे की मांग के साथ दोषी चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा लिखने के लिए शव को रोके रखा.

घंटों पंचायत के बाद पीड़ित पक्ष द्वारा तहरीर मिलने पर पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. दो माह पहले कस्बा के ईदगाह के पास नर्सिंग होम का संचालन शुरू हुआ था. गड़वार थाना क्षेत्र के बहादुर पुर कारी निवासी लक्ष्मण गुप्ता  (गोंड़) की 28 वर्षीय पत्नी रीना तभी से अपने पेट दर्द का इलाज यहां करा रही थी. नर्सिंगहोम के चिकित्सक के कहने पर उसके पति ने 14 हजार रुपये जमाकर रीना के बच्चेदानी का आपरेशन छह दिन पूर्व करवाया था.

लक्ष्मण ने बताया कि आपरेशन के बाद से रक्तस्राव लगातार हो रहा था. चिकित्सक से  इसकी शिकायत करने पर वह टालता रहा. शुक्रवार को रीना की स्थिति और गंभीर होने पर चिकित्सक द्वारा आनन फानन में एंबुलेंस बुलाकर वाराणसी स्थित एक नर्सिंग होम में भर्ती करवाया गया. वहां शनिवार को भोर में इलाज के दौरान रीना की मौत हो गई. मौत के बाद चिकित्सक रीना के शव को उसके घर पहुंचा कर फरार हो गया.

इधर शुक्रवार से ही नर्सिंगहोम का बोर्ड उतार कर कर्मी ताला डाल फरार हो गए हैं. शनिवार को जैसे ही इसकी खबर लगी दोषी चिकित्सक के खिलाफ ग्रामीणों में गुस्सा फूट पड़ा. ग्रामीण चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और पीड़ित परिवार को मुआवजा की मांग को लेकर शव की अंत्येष्टि रोके रखे. सूचना पर पहुंचे थानाध्यक्ष गड़वार अनिल चौरसिया के सामने चिकित्सक के पैरवीकार और पीड़ित परिवार से समझौते की वार्ता हुई. बाद में मृतका के पति के द्वारा मुकदमा के लिए तहरीर देने पर शव को पोस्टमार्टम के किए जिला चिकित्सालय भेज दिया गया.

नीम हकीम के चक्कर में पड़ कर अपनी पत्नी को गंवा चुके  लक्ष्मण गुप्ता गौड़   की तो दुनिया लूट चुकी है.  दिहाड़ी मजदूरी कर जीवनयापन करने वाले लक्ष्मण के लिए बिन मां के चार बच्चों की परवरिश करना यक्ष प्रश्न बन चुका है. रीना अपने पीछे पुत्र सूरज (8) और पुत्री संध्या (6), संतोषी (4)  और डेढ वर्ष की चांदनी को छोड़ गई है. मां के शव के पास बच्चों को  देख सभी का कलेजा मुंह में आ जा रहा था.