सूबे की सबसे ऊंची ताजिया की राह में रोड़ा बना अतिक्रमण

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उतरांव (गाजीपुर) से विकास राय

vikash_raiगाजीपुर के उतरांव में शाम पांच बजे तक एक भी ताजिया अपने स्थान से नहीं हिल सका था. इसका प्रमुख कारण ताजिया के रास्ते मे एक व्यक्ति द्वारा निर्माण कराया जाना था. इसकी सूचना ताजियादार कमेटी के लोगों ने करीमुद्दीनपुर थाने में आयोजित शान्ति समिति की बैठक में भी पहले ही दे दी थी.

पुलिस क्षेत्राधिकारी मुहम्मदाबाद आलोक कुमार, उप जिलाधिकारी मुहम्मदाबाद सीपी सरोज एवं थानाध्यक्ष करीमुद्दीनपुर आरबी सिंह  ने कुछ दिन पूर्व उतरांव में जाकर इस सन्दर्भ में स्थलीय निरीक्षण भी किया था. बुधवार को शाम चार बजे तक प्रशासन और ताजियादारों के बीच बातचीत जारी रही. मालूम हो कि गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करने वाले उतरांव में इतनी देर तक ताजिया रूकने का कारण भी कोई हिन्दू नहीं है.

उतरांव में बुधवार को ताजिया निकालने को लेकर गहराये विवाद पर देर शाम तक बातचीत जारी रही
उतरांव (गाजीपुर) में बुधवार को ताजिया निकालने को लेकर गहराये विवाद पर देर शाम तक बातचीत जारी रही

ताजिया रूकने की जानकारी मिलते ही उप जिलाधिकारी मुहम्मदाबाद सीपी सरोज आनन फानन में उतराव पहुंच गए. आपसी सौहार्द्र की जगह माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया था. एसडीएम ने लोगों से वार्ता कर खुद अपने हाथ से ताजिया को उठाकर आगे के लिए रवाना कराया. लेकिन अभी भी उतरांव की सबसे उंची ताजिया रास्ते में नया निर्माण किए जाने से रूकी हुई है. गाजीपुर, बलिया एवं मऊ जनपद से हर साल की तरह इस बार भी भारी तादाद में लोग यहां सूबे की सबसे चर्चित कलात्मक एवं उंची ताजिया का दीदार करने पहुंचे थे. लेकिन बड़े ही मायूस कदमों के साथ अपने घर को रवाना हो गए.

सभी ताजिया को एक जगह कुद्दुश चौक पर  देखने की हसरत इस बार किसी की भी पूरी नही हुई. उतरांव की ताजिया का पूरे साल भर लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं. किसी तरह से ताजिया को उपजिलाधिकारी ने रवाना कराया, तभी कदम रसूल चौक में रखी जाने वाली सूबे की सबसे उंची ताजिया ले जाते समय रास्ते में अतिक्रमण का शिकार हो गई. इस ताजिये का लगभग 20 फीट का ऊपरी भाग मकान से लड़ कर नीचे गिर गया.

संयोग था की इतनी उंची और इतनी वजनी ताजिया होने के बाद भी सभी लोग बाल बाल बच गए. इस दुर्घटना के होते ही सभी ताजिया जहां की तहां रोक दी गई. यह घटना लगभग सात बजे शाम की है. आनन फानन में थानाध्यक्ष आरबी सिंह ने इसकी सूचना अपने उच्चाधिकारियों को दी. सूचना मिलते ही सभी अधिकारी भाग कर उतरांव पहुंचे. ताजियादारों से लम्बी वार्ता के पश्चात भवन स्वामी के बारजे को तोडने का निर्णय लिया गया. अभी भी सभी ग्रामीण एवं सभी अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. ऐसा लग रहा है कि देर रात सभी ताजिया की मिलनी होने के बाद सभी ताजिया को बगल में स्थित कर्बला के मैदान में सुपूर्दे खाक किया जाएगा.