बच्चों का ड्रेस बंद कर सौतेला व्यवहार कर रही प्रदेश सरकार: कान्हजी

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सरकार के फरमान का उप्र सीबेशिसं करेगा विरोध
बलिया। सरकार के सौतेले आदेशों से सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों के सभी शिक्षक व कर्मचारीगण आहत एवं आक्रोशित हैं. उप्र सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय कान्ह जी ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि अब तक हमारे स्कूलों में पढने वाले छात्रों को परिषद की तरह सुविधा दी जाती रही है, जबकि 7 जून 2019 का ड्रेस वितरण सम्बन्धी शासन का आदेश हमें अलग-थलग करने की एक साजिश है. जिसके तहत एडेड जूनियर हाईस्कूलों के बच्चों को दी जाने वाली ड्रेस की सुविधा को बंद किया जाना प्रमुख है.
कान्ह जी ने कहा कि ऐसे फरमानों के जरिए सरकार इन विद्यालयों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही है. जबकि सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल भी शिक्षा के अधिकार कानून को लागू काराने में अग्रणी है. जिसका जोरदार विरोध किया जाएगा. जुलाई माह में स्कूल खुलते ही इसके विरोध में आन्दोलन का रास्ता अख्तियार होगा. प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों से भी आग्रह किया जाएगा कि इस मुद्दे से विभागीय मंत्री जी को भी अवगत कराएं.
कान्ह जी ने कहा कि मान्यता प्राप्त विद्यालय में शिक्षा, परिषद से अच्छी दी जाती है, और सुविधा मिल जाने से हमारे यहाँ नामांकन अधिक होता है. यही सरकार के आंख की किरकिरी बनी है. चूंकि जिस नेचर के छात्र मान्यता प्राप्त विद्यालय में होते हैं. उसी नेचर के छात्र परिषद में भी दाखिला लेते हैं. इससे परिषद में छात्र संख्या कम हो रही है. इसी आशय से हमारे छात्रों को दी जाने वाली सुविधा बंद कर दी गई है. सहायता प्राप्त विद्यालयो में शिक्षण कार्य भी बेहतर है, जिससे अधिकारी जलन रखते है और हमेशा कुछ न कुछ अड़गा लगाते रहते हैं.
कहा कि अब हम इसके विरुद्ध एक जुट होकर अपने छात्रों की लड़ाई जो कि नौनिहाल है. सरकार की योजनाओं पर इनका भी बराबर का हक है लड़ेंगे जिसमे अभिभावक, स्वसेवी संस्थाएँ, अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ताओ एवं अन्य संगठनों को साथ लेकर संघर्ष करेंगे और सुविधा लेकर रहेंगे. किसी भी हालत में उप्र सीनियर बेसिक शिक्षक संघ अपने छात्रों के हक को नही छिनने देगा.