तरीका बदल अंग्रेजी शराब बिहार भेजने का धंधा पूर्ववत, पुलिस का कहना नहीं आ रही हरियाणा नम्बर की ट्रक

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तत्कालीन पुलिस अधीक्षक श्रीपर्णा गांगुली के कार्यकाल में बैरिया पुलिस ने पकड़े करोड़ों के अंग्रेजी शराब, किए तस्करों के नाक में दम, अब कच्ची शराब पर छापेमारी पर जोर

बैरिया(बलिया)। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक श्रीपर्णा गांगुली के जाने के बाद बिहार जाने वाले अंग्रेजी शराब की पकड़ पर बैरिया पुलिस ने बिराम सा लगा लगा दिया है. कागजी खानापूर्ति बनी रहे इसका उदाहरण बैरिया पुलिस बीते पखवारे 51 पेटी अंग्रेजी शराब पकड़ने की बात बताती है. जबकि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के कार्यकाल मे एसओजी व स्थानीय पुलिस के संयुक्त अभियान में महीने मे तीन चार बार निश्चित तौर पर सैकड़ों पेटी अंग्रेजी शराब पकड़ी जाती थी, कच्ची शराब विक्रेताओं व बनाने वालों पर भी कार्यवाई होती थी.
नवागत पुलिस अधीक्षक के आगमन के बाद से कच्ची शराब के गढ़ दयाछपरा में पुलिस ने अपना ध्यान केन्द्रित कर रखा है. यहां एसएचओ अनिलचन्द्र त्रिपाठी के कार्यकाल में दयाछपरा में 19 बार छापेमारी की गई. सैकड़ों कुन्तल लहन नष्ट किए गए. सैकड़ो ड्रम शराब बरामद किया गया और भट्ठियाँ नष्ट की गई. गिरफ्तारी भी हुई लेकिन हर बार पुलिस के हटते ही यहां का धंधा फिर पहले की तरह खड़ा हो जाता है. हर छापेमारी मे पुलिस के हाथ कुछ न कुछ जरूर लगता है. बावजूद दयाछपरा का धंधा समाप्त नही होता दिख रहा. फड़ व फेरी लगाकर अवैध कच्ची शराब का धंधा भी अनवरत जारी है.
उधर अंग्रेजी शराब की एकाएक पकड़ समाप्तप्राय होने से लोगों की पुलिस कार्यपद्धति पर उंगलियां उठने लगी है. लोग सवाल खड़ा कर रहे है कि क्या बिहार अंग्रेजी शराब का जाना बंद हो गया है ?
सूत्रों की मानें तो कभी बंद नही हुआ. बिहार शराब जाने की रफ्तार वही पुरानी है. अलबत्ता पहले जिन रास्तों से बिहार मे शराब भेजा जाता था उसमे मांझी पुल के रास्ते अब नहीं जा रहा है. जिसके पीछे इस पार यूपी पुलिस व उस पार बिहार पुलिस की मुस्तैदी बताई जा रही है. लेकिन नदी पार कर जाने का मार्ग तो है.
ज्ञात रहे की बैरिया थानान्तर्गत पीछे के समय में करोड़ो रूपये बाजारी मूल्य के बिहार जा रहे अंग्रेजी शराब ट्रकों, गोदामों व छोटे वाहनो से पकड़े गए.
इस बावत यह पूछे जाने पर कि क्या अब बैरिया क्षेत्र से अंग्रेजी शराब का बिहार जाना बंद हो गया के जवाब मे एसएचओ बैरिया अनिल चन्द्र तिवारी ने बताया कि अब हरियाणा नम्बर के ट्रक इधर नहीं आते. हरियाणा पंजाब नम्बर के ट्रकों से ही शराब आता था.
सवाल उठता है कि शराब तस्कर बड़े वाहनो के बजाय छोटे वाहनों से शराब नही ले जा सकते?
पहले भी दर्जनों बार छोटे वाहन, यूपी व बलिया नम्बर के वाहन तथा ट्रैक्टरों की ट्राली तक से भी भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब पकडी गयी है. फिर सड़क मार्ग के अलावा नौरंगा, पचरूखिया, रामगढ़, सतीघाट, बहुआरा, शिवपुर, दोकटीघाठ, बलुइया बाबा के स्थान के समीप वाला घाट, जयप्रकाश नगर दियारे से लेकर महुलोघाट, गोपालनगर, शिवालमठिया आदि दर्जनो नदी घाट क्या तस्करों के लिए सुगम मार्ग नही है? इन घाटों पर से भी तो पुलिस को पूर्व मे सफलता मिल चुकी है.
पूछे जाने पर अपर पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी बैरिया उमेश कुमार ने बताया कि हर सम्भावित जगहों पर सतर्क नजर रखी जा रही है. सूचना देने मे जनता का सहयोग भी जरूरी है. थानाध्यक्ष या हमें बताएं. सूचना देने वालों का नाम पता हम गोपनीय रखेंगे.