पहली अप्रैल से 15 मई तक मोबाइल तारामंडल व विज्ञान बस का होगा संचालन

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विज्ञान की फिल्में व डॉक्यूमेंट्री दिखाने के लिए 75 इंच का डिस्प्ले

बलिया। जिला विज्ञान क्लब, बलिया द्वारा पहली अप्रैल से 15 मई तक बलिया जिले में खगोलीय घटनाओं की जानकारी के लिए मोबाइल तारामंडल का प्रदर्शन किया जायेगा. साथ ही विज्ञान के प्रसार के लिए विज्ञान बस (साइंस ऑन व्हील) पहली बार बलिया जिले में आने के लिए तैयार है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उप्र के सहयोग से आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने बस का पूरा डिजाइन तैयार किया है.
जिला विज्ञान क्लब, बलिया के समन्वयक अतुल कुमार और सह समन्वयक डॉ सुधीर कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया की भारत देश में इस प्रकार की यह पहली बस होगी. बस के अंदर प्रदर्शन के लिए थ्री-डी प्रिंटर, माइक्रोस्कोप, टेलिस्कोप समेत तमाम अन्य प्रकार के उपकरणों को फिट किया जाएगा. इसके अलावा बस में ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए बी-पी मॉनीटर भी लगाया गया है. विज्ञान बस बलिया जिले के विभिन्न स्कूलों में जाकर विज्ञान के प्रति बच्चों में जागरुकता का संचार व प्रसार करेगी. बस में विज्ञान से संबंधित विभिन्न विषयों की जानकारी देने के लिए दो शिक्षक मौजूद रहेंगे. बस में इनके बैठने से लेकर आराम करने के लिए अलग से केबिन बनाया गया है. बस पूरी तरह से वातानुकूलित है. बस का चेसिस जर्मनी से इम्पोर्ट किया गया. अंदर का पूरा सिस्टम व स्ट्रक्चर आईआईटी के विशेषज्ञों ने डिजाइन किया है.
विज्ञान से संबंधित फिल्में व डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के लिए बस में 75 इंच का टीवी स्क्रीन लगाया गया है. जो कि बस के बाहर साइड में लगाया गया है. टीवी को यूट्यूब से भी कनेक्ट किया जा सकता है. सीडी प्लेयर के माध्यम से विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों पर आधारित डॉक्यूमेंट्री दिखाईं जाएंगी. बस के माध्यम से विज्ञान के विभिन्न विषयों से संबंधित 300-350 के करीब फिल्में तैयार की गईं है. विशेषज्ञों ने यूपी व सीबीएसई बोर्ड के सिलेबस के आधार इन फिल्मों को तैयार किया है. टीवी स्क्रीन के ऊपर एक फोल्डिंग शेड भी लगाया गया है. जो कि फिल्म प्रदर्शन के दौरान बारिश व धूप से बचाएगा. इस शेड के अंदर 50 के करीब बच्चे बैठकर फिल्म देख सकेंगे. टीवी को बस के अंदर मौजूद 3 किलोवॉट के जनरेटर के साथ-साथ बाहर बिजली से भी चलाया जा सकेगा.
वॉटर ड्रेनेज सिस्टम है लैस बस
बस के अंदर हर जरुरी बात का ध्यान रखा गया है. रसायन विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों के लिए तमाम प्रकार के कैमिकलों का इस्तेमाल किया जाता है. यह कैमिकल पर्यावरण व लोगों के लिए काफी हानिकारक सिद्ध हो सकते हैं. इसके मद्देनजर बस के अंदर जलनिकासी के एक विशेष प्रकार का ड्रेनेज सिस्टम बनाया गया है. जिसके तहत दो विशेष धातुओं से निर्मित दो सिलेंडरनुमा बॉक्स लगाए गए हैं. एक बॉक्स में एक्सपेरीमेंट्स करने के लिए पानी स्टोर होगा. जबकि दूसरे में एक्सपेरीमेंट्स समाप्त होने के बाद शेष द्रव्य एकत्रित किया जाएगा. जिसको उचित जगह डिस्पोज ऑफ किया जाएगा.